Newsराजनीतिराज्य

एजी ऑफिस पुल के मामले में शासन ने पेश नहीं किया जवाब, जवाब देने का मौका समाप्त

ग्वालियर. एजी ऑफिस पुल जमीन के मामले में मप्र शासन को फिर से झटका लगा है। मप्र शासन की लापरवाही से झलक रहा है कि वह कमलाराजे चेरिटेबल ट्रस्ट का मौका दे रहा है जिसमें जवाब पेश करने के लिये शासन कई बार अवसर दिये गये थे। जवाब पेश नहीं करने की स्थिति में शासन जवाब पेश करने का मौका समाप्त कर दिया गया था।
शासन की तरफ से एक आवेदन पेश करते हुए जवाब को रिकॉर्ड पर लेने की गुहार लगाई थी। लेकिन गुरूवार को न्यायाधीश समीर कुलश्रेषठ ने आवेदन खारिज करते हुए कहा कई बार मौका देने के बाद भी शासन ने जवाब प्रस्तुत नहीं किया।

यहां बता दें कि ट्रस्ट की अध्यक्षा माधवीराजे सिंधिया हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया, पुत्र महाआर्यमन सिंधिया, मृणालिनी सिंह व के भास्करन ट्रस्टी हैं ।  मामला 2018 से लंबित है। ऐसे में शासन का जवाब अभिलेख पर नहीं लिया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। इसके साथ ही न्यायालय ने शासन पर 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, कमलाराजे चेरिटेबल ट्रस्ट ने एजी ऑफिस पुल की जमीन पर दावा जताते हुए परिवाद पेश किया है। इसमें दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया गया है कि जिस जमीन पर पुल बनाया गया, वह जमीन ट्रस्ट की है।दावा सचिव विजय फालके की ओर से पेश किया गया है।ऐसे में ट्रस्ट को लगभग सात करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *