भाजपा में दक्षिण विधानसभा सीट पर घमासान, नारायण सिंह के जबाव में समीक्षा बोली भाव आवेश में आकर लगाया आरोप, जबकि ऐसा कुछ नहीं
ग्वालियर. शुक्रवार की दोपहर पूर्व गृहराज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बगावती तेवर दिखाते हुए आरोप लगाया था उसके जबाव में समीक्षा का कहना है कि नारायण सिंह मेरे लिए आदणनीय हैं और मेरे बड़े भाई हैं। उन्होंने कुछ कह दिया तो कोई बात नहीं है। कई बार व्यक्ति भाव आवेश में आकर कुछ ऐसा बोल जाता है जो वह बोलना नहीं चाहता है। इससे ज्यादा यह मामला कुछ नहीं है। हम दोनों एक ही पार्टी के कार्यकर्ता हैं और मिलकर आगे काम करेंगे। मुझे उनसे कोई गिला शिकवा नहीं है।
गद्दारी करने के सवाल पर नहीं बोलीं
पूर्व मंत्री नारायण सिंह ने समीक्षा गुप्ता के बारे में कहा था कि उसने (समीक्षा) गद्दारी की है। जैसी करनी वैसी भरनी। उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उसे भी अहसास हो कि उसने क्या किया था। समीक्षा से जब उनको गद्दार कहने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अब मैं भाजपा दल का हिस्सा हूं और नारायण सिंह भी, इसलिए अब इस पर मैं कुछ नहीं कह सकती हूं। ना ही कुछ बोलना चाहूंगी।
यह है असल विवाद
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से नारायण सिंह कुशवाह को दावेदार बनाया गया था। वह पिछले 3 बार से दक्षिण विधानसभा से ही विधायक रहकर मंत्री तक बने थे। उनके सामने कांग्रेस से युवा प्रत्याशी प्रवीण पाठक मैदान में थे। दक्षिण विधानसभा से टिकट न मिलने से नाराज पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा था। चाबी चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ते हुए उन्होंने करीब 30 हजार वोट हासिल किए थे। जिस कारण नारायण सिंह कांग्रेस प्रत्याशी से सिर्फ 121 वोट से हार गए थे। उसके बाद समीक्षा गुप्ता दो साल तक भाजपा से बाहर रहीं और अभी कुछ समय पहले उन्हें वापस भाजपा में शामिल कर लिया गया है। अब वह फिर दक्षिण विधानसभा से दावेदारी कर रही हैं। नारायण सिंह, पूर्व महापौर समीक्षा के कारण अपनी हार भुला नहीं पा रहे हैं। उनका कहना है कि समीक्षा के परिवार को पार्टी ने सब कुछ दिया, लेकिन जैसी करनी उन्होंने की है वैसी उन्हें भुगतनी पड़ेगी।

