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समय-सीमा में कुँआ-बावड़ी को सुरक्षित करने के आदेश

ग्वालियर ग्रामीण अनुविभाग (मुरार ग्रामीण) में भी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के निर्देश पर खुले बोर एवं कुँआ-बावड़ी का सर्वे कराया गया है। सर्वे के बाद ग्रामीण क्षेत्र में 51 कुँए-बावड़ी व 17 जीर्ण-शीर्ण भवन सामने आए हैं। इन कुँए-बावड़ी (शासकीय व निजी) एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों को आमजन की सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित करने के उद्देश्य से अनुविभागीय दण्डाधिकारी ग्वालियर ग्रामीण श्री के के सिंह गौर ने भारतीय दण्ड विधान की धारा-133 के तहत अहम आदेश पारित किया है।
अनुविभागीय दण्डाधिकारी केके सिंह गौर ने आदेश में स्पष्ट किया है कि 15 दिवस के भीतर बाउण्ड्रीवॉल इत्यादि बनवाकर सभी असुरक्षित बोरवेल, कुँआ-बावड़ियों एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों को सुरक्षित किया जाए। साथ ही अनुपयोगी कुँए-बोर को पाटने का काम भी करें। निजी संरचनाओं में होने वाला व्यय संबंधित भू-स्वामी से वसूला जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन होने पर धारा-188 के तहत वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। असुरक्षित कुँए, बोरवेल, बावड़ी व तालाब के भूमि-स्वामी इन स्थानों पर सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं कर सकेंगे। अगर ऐसा करते हैं तो धारा-188 के तहत दण्डनीय होंगे।

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