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36वां राफेल भारत की धरती पर उतरा

नई दिल्ली. फायटर जेट रॉफेल की अंतिम किस्त भारत पहुंच गयी है। इसी के साथ ही भारत फ्रांस के बीच हुआ रॉफेल सौदा पूरा हो गया है। भारतीय वायुसेना ने बताया कि गुरूवार को 36वां राफेल फायटर जेट भारत में लैण्ड हुआ। भारत और फ्रांस के बीच कुल 36 राफेल फायटर जेट को लेकर सौदा हुआ था और अब भारत को सभी 36 राफेल मिल चुके हैं।
वायुसेना ने बताया
भारतीय वायुसेना ने गुरूवार को आधिकारिक तौर पर बताया कि राफेल डील का यह पैक पूरा हो गया हे। 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से अंतिम विमान गुरूवार को फ्रांस से होते हुए संयुक्त अरब अमीरात पहुंचा। राफेल ने वायुसेना के टैंकर से एक त्वरित (एनरूट सिप) ईधर लिया और उसके बाद भारत में उतरा।
राफेल लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगा। जबकि एकस दूसरा अन्य स्क्वाड्रन भारत की पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगा। रक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि राफेल डील पूरी होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है। विशेष रूप् से ऐसे समय में जब चीन के साथ अंर्तराष्ट्रीय सीमाओं पर तनाव और संघर्ष छिड़ा है। गुरूवार को भारत पहुंचा 36वां राफेल फायटर जेट जल्द ही वायुसेना की स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेगा।
भारत के लिये विशेष तौर पर डिजाइन एवं तैयार किये गये राफेल लड़ाकू विमान में जेट में हेलमेट-माउंटेडष्टि रडार चेतावनी रिसीवर, 10 घंटे के लिये पर्याप्त भंडारण के साथ उड़ान डेटा रिकॉर्डर, इंफ्रा-रेड सर्च, ट्रैक सिस्टम, और आने वाली मिसाइलों को के लिये टोड डिकॉय और मिसाइल ष्टिकोण चेतावनी प्रणाली शामिल है।
गौरतलब है कि वायुसेना ने हाल ही मैं राफेल से लम्बी दूरी की मीटियोर मिसाइल और हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। राफेल के जखीरे में हैमर मिसाइल भी शामिल हो गयी है। इस विषय में अहम जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा था कि यह मिसाइल कम दूरी तक सटीक हमला करने में सक्षम हैं। वहीं भारतीय वायुसेना ने दुनिया के सबसे उन्नत फायटर जेट राफेल के भारत आने की तस्वीर के साथ अपडेट साझा किया हे।

भारत को जुलाई 2020 में वायुसेना स्टेशन अंबाला में 5 राफेल जेट का पहला बैच मिला था। यह जेट 17वें स्क्वाड्रन का हिस्सा थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि 15 दिसम्बर को जिस दिन 36वां राफेल भारत में उतरा उसी दिन भारतीय वायुसेना (आईएएफ) भारत चीन सीमा के पास युद्धाभ्यास कर रही है। भारतीय वायुसेना का यह अभ्यास देश के पूर्वी सेक्टर में 16 दिसम्बर तक जारी रहेगा। इस अभ्यास में असम के तेजपुर, छबुआ, जोरहाट और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में हवाई ठिकानों के सक्रिय होने की संभावना हैं।
इस विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए भारतीय वायुसेना ने गुरूवार को कहा है कि भारतीय वायुसेना की पूर्वी वायु कमान 15 और 16 दिसम्बर 22 को अपने क्षेत्र में एक पूर्व नियोजित नियमित अभ्यास आयोजित कर रही है । यह अभ्यास तवांग में हाल के घटनाक्रमों से काफी पहले से नियोजित था और यह इससे व इन घटनाओं के साथ जुडा नहीं है। आईएएफ अधिकारी ने कहा है कि अभ्यास आईएएफ चालक दल के प्रशिक्षण के लिये आयोजित किया जा रहा है।

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