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MP में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल प्राइवेटाइजेशन का विरोध, 70 हजार कर्मचारी हड़ताल पर, ऑफिस खुले, लेकिन काम नहीं

ग्वालियर. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के निजीकरण के विरोध में मध्यप्रदेश के करीब 70 हजार अधिकारी-कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं। सोमवार को बिजली कंपनी के ऑफिस तो खुले, लेकिन काम नहीं हो रहा है। लाइन फॉल्ट होने पर अमला सुधारने भी नहीं पहुंच रहा है। इस कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। आज बिजली बिल सिर्फ ऑनलाइन ही जमा हो रहे हैं। वहीं, लोगों को नए कनेक्शन भी नहीं मिल रहे हैं। भोपाल में एसई, एई, जेई से लेकर निचले स्तर के करीब 3 हजार कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं।

प्रदेश में मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स के बैनरतले अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। ज्ञातव्य है की किसान आन्दोलनके दौरान माननीय प्रधान मंत्री द्वारा यह वादा किया था ।  इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेन्ट बिल को सदन में लेन से पूर्व राज्य शासन ,श्रमिक संगठनों से एवं किसानों व आम उपभोक्ताओं के हितों पर चर्चा कीजाएगी । किन्तु अत्यंत खेद है की इस सम्बन्ध में न तो राज्य शासन , श्रमिकसंगठनों से एवं किसानों व आम उपभोक्ताओं से किसी प्रकार का संवाद ही किया गया और न ही अपने वादे पर अडिग है, इससे केंद्र सरकार का तानाशाही पूर्ण रवैया दिखाई दे रहा है ।

रोशनीघर परिसर में विशाल असहयोग आंदोलन

केंद्र शासन के तानाशाही पूर्ण रवैये के विरोध में आज 8 अगस्त को समय 10 बजे से रोशनीघर परिसर में विशाल असहयोग आंदोलन किया जा रहा है   जिसमें भारी संख्या में विद्युत कर्मचारियों द्वारा   काम बंद कर असहयोग आंदोलन में  भाग लिया गया है |
इस अवसर पर मप्र संविदा ठेका संघ इंटक के प्रदेश अध्यक्ष एलके दुबे, आरके कौशिक, अमरेश शर्मा, विद्याकान्त मिश्रा, रामबाबू बंशकार, अभिषेक राजपूत, पंकज शर्मा, मदन रैकवार, शुभकरण सिंह शेखावत, रामवीर शर्मा, उदयवाचा सुन्दरम, टीकम सिंह, अनिल ढकेता, दीपक कुमार, महेश श्रीवास, सिवेन्द्र प्रताप सिंह, भूपेन्द्र पनिका, आशीष उर्मलिया, अरविन्द कुशवाहा, अभिषेक भदौरिया, नागेन्द्र मिश्रा, कुलदीप मिन्ज, हजारों की संख्या में सभी वृत्तों के विद्युत कर्मचारियों / अभियंताओं ने भी सक्रियता से आंदोलन में भाग लिया |

 

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