ग्वालियर का मुख्य बस स्टैंड भी बिकेगा
ग्वालियर. बंद रोडवेज के अधिकारी-कर्मचारियों की देनदारियों के लिए सड़क परिवहन निगम की संपत्तियों को बेचा जा रहा है। जनवरी में सरकार ने 70 करोड़ रुपए में रेलवे स्टेशन के पास स्थित स्मार्ट सिटी बस स्टैंड की लगभग 6332 बीघा जमीन बेच दी और मंगलवार को प्रशासन ने बलपूर्वक कार्रवाई करते हुए 10 दुकानों को तोड़कर ये जमीन खाली करा दी। अब अगला नंबर है इसी के पास स्थित मुख्य बस स्टैंड का, जिसे आने वाले कुछ महीनों में बेचा जाएगा। जानकारी के अनुसार रोडवेज कर्मियों की कुल देनदारी 500 करोड़ रुपए थी जिसमें से 350 करोड़ रुपए अब तक चुकाए जा चुके है इस जमीन को बेचकर 70 करोड़ रुपए और सरकार के पास पहुंच गए। अब लगभग 80 करोड़ रुपए के लिए दूसरी संपत्तियां बेची जाएंगी। वहीं कार्रवाई को अंजाम देने के लिए रेलवे स्टेशन तिराहे से आकाशवाणी तिराहे तक की सड़क को छावनी बना दिया गया था इसे यात्री परेशान रहे।
हाईकोर्ट से स्टे के बाद भी तोड़ दी दुकानें
सभी दुकानदारों को कहना है कि हाईकोर्ट से स्टे होने के बाद हमारी दुकानें तोड़ दी गई और हमारा विस्थापन भी नहीं किया। इन सभी को आवंटित हर दुकान का साइज 120 वर्गफीट का था। प्रशासन ने राकेश यादव, केके जायसवाल, जयराज कन्नोजिया, सुधीर शर्मा, विनोद सिंह तोमर, राजू यादव, केदार यादव, अजय तिवारी, सोमित्र सिंह, रविंद्र सिंघल की दुकानें तोड़ीं।
आप नेता 4 घंटे बंदी रहे
प्रशासन द्वारा की जा रही तोडफोड़ का विरोध करने पहुंचे आम आदमी पार्टी नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर DRP Line भेज दिया। इन सभी को पुलिस ने करीब 3.30 घंटे तक अपनी निगरानी में बंदी रखा और कार्रवाई खत्म कोने के बाद शाम 7 बजे रिहा किया। पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष मनीक्षा सिंह तोमर ने बताया कि हम अधिकारियों से दुकानदारों की लीज को लेकर चर्चा कर रहे थे लेकिन हमारी बात न सुनकर हमें गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं आप नेता रूचि गुप्ता ने कहा कि महापौर और पार्षदों के शपथग्रहण के अगले दिन हुई ये कार्रवाई भाजपा व कांग्रेस की मिलीभगत है। इस मौके पर प्रदेश प्रावक्ता अमित शर्मा, जिलाध्यक्ष भूपेंद्र कराना मौजूद थे।

