मुरैना नगर निगम के लिये पार्षदों की होगी खरीद फरोख्त, निर्दलियों की चांदी
मुरैना. नगरनिगम के परिणाम आने के बाद अब मुरैना में पार्षदों की खरीद फरोख्त का क्रम शुरू होने जा रहा है। कांग्रेस की मजबूरी है कि अगर उसने खरीद फरोख्त नहीं की तो भाजपा का सभापति बनने पर महापौर की राह कठिन हो जायेगी। दूसरी ओर भाजपा महापौर की सीट हाथ से खिसकने के बाद अब अपना सभापति बनाने के लिये खरीद फरोख्त करने से पीछे नहीं हटेगी।
आपको बता दें कि मुरैना के 47 वार्डो में से 19 पर कांग्रेस का कब्जा हो चुका है। भाजपा के लिये खाते में केवल 15 वार्ड आये हैं। बहुजन समाजवादी पार्टी की उम्मीद से कहीं अधिक सीटें आयी है। 8 सीटें आने के बाद समाजवादी पार्टी एक ओर से वह पॉवरफुल पार्टी बन गयी है। जो सि दल यानी भाजपा और कांग्रेस को सपोर्ट कर देगी, उसी का सभापति बन जायेगा। लिहाजा अब समाजवादी पार्टी के पार्षदों की पौ बारह हो चुकी हे। इसी के साथ आप व समाजवादी पार्टी के दोनों उम्मीदवार भी इस खरीद फरोख्त का हिस्सा बनने की लाइन में लग सकते हैं।
सिंधिया, सीएम व नरेन्द्र सिंह ने लगाई ताकत, मतदाताओं ने नकारा
भाजपा की महापौर बनने के बाद क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी। यहां तक कि महापौर प्रत्याशी मीना जाटव के पर्चा भरने के दौरान वह स्वयं गए थे। मंत्री तोमर इतने अधिक आत्मविश्वास से भरे थे कि जब मीडियाकर्मियों ने उनके प्रत्याशी के साथ फोटो खींचे तो उन्होंने हाथ की उंगलियों से विक्ट्री का चिन्ह बनाते हुए कहा कि यह फोटो सेव करके रख लेना आगे काम आएगा। यहां तक कि प्रत्याशी मीना जाटव के पति मुकेश जाटव जब भी फोटो खिंचाते तो विक्ट्री का चिन्ह जरूर बनाते। उसके बाद रोड शो हुए जिसमें पहले केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आए और उन्होंने रामनगर तिराहे पर जोरदार सभा की। उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए और जीवाजीगंज में जोरदार सभा करके धमाकेदार रोड शो किया, लेकिन यह सारे रोड शो रोड पर ही पसर गए और मुरैना की जनता ने एक झटके में भाजपा को चारो खाने चित कर दिया।
नगरनिगम पर कब्जे के बाद अब जिले की बारी
मुरैना से पहले से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है तथा यहां से कांग्रेस के 4 विधायक पहले से पदासीन है। भाजपा के 2 विधायक सूबेदार सिंह रजौधा व कमलेश जाटव इनकी गिनती के आगे पहले से ही आधे हैं। अब नगर निगम पर भी कांग्रेस का कब्जा होने जा रहा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेसियों के हौंसले बुलंद है और आगामी विधानसभा चुनाव में उनका सपना पूरे जिले पर कब्जा करना है। इस चुनाव में 3 निर्दलीय प्रत्याशी भी जीत चुके हैं, जो जिस जगह भारी देखेंगे या जो जितनी अधिक बड़ी बोली लगायेगा, उसको समर्थन दे सकेंगे।

