कांग्रेस में कर्ज चुकाने का वक्त, चिंतन शिविर में वन फैमिली-वन टिकट का फॉर्मूला हो सकता है लागू, गांधी परिवार से होगी शुरुआत
नई दिल्ली. उदयपुर में 13 से 15 मई तक कांग्रेस का चिंतन शिविर होने वाला है। इसको लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। चिंतन शिविर से पहले कांग्रेस में बड़े बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चिंतन शिविर में कांग्रेस पार्टी ‘एक परिवार, एक टिकट’ के रूल को लागू कर सकती है। अगर इस रूल को लागू किया जाता है, तो यह कांग्रेस की तरफ से भाजपा के परिवारवाद के आरोपों का जवाब हो सकता है। इसके अलावा कांग्रेस समितियों का कार्यकाल 3 साल के लिए तय किया जा सकता है। चिंतन शिविर में इन सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद बदलावों पर मुहर लगाई जा सकती है। बता दें कि सोमवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया ने सभी नेताओं से कहा था कि वे पार्टी का कर्ज चुकाएं।
‘एक परिवार एक टिकट’ नियम में हो सकता है विशेष प्रावधान
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ‘एक परिवार, एक टिकट’ के रूल में विशेष प्रावधान भी ला सकती है। सूत्रों ने बताया कि अगर ये नियम आता है तो पार्टी में कम से कम 5 साल तक काम करने वाले नेता और पार्टी में सक्रिय उनके परिजन को टिकट देने के योग्य माना जाएगा। अगर विशेष प्रावधान लागू होता है तो गांधी परिवार से एक से ज्यादा लोग चुनाव लड़ सकेंगे।
इलेक्शन विंग बनाने पर हो सकता है विचार
इलेक्शन कैंपेन को मैनेज और कोऑर्डिनेट करने के लिए अलग से इलेक्शन विंग बनाने के बारे में भी विचार किया जाएगा। इस विंग के लिए जनरल सेक्रेटरी भी नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा पार्टी लीडर्स और वर्कर्स के लिए ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी बनाने के बारे में फैसला लिया जा सकता है। इस बैठक में इस बारे में भी बात की जा सकती है कि 50 साल से कम उम्र के युवा नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाए और बड़े पदों में से 50% उनके लिए रिजर्व किए जाएं।

