मप्र में पटवारियों की हड़ताल ग्रेड पे पर अटकी, डेटलाइन पर भी अडे पटवारी, हडताल से आय-जाति सर्टिफिकेट और रेवेन्यू से जुड़े कामों पर हो रहा असर
भोपाल. मप्र के 19 हजार से ज्यादा पटवारी पिछले 3 दिन के कलमबन्द हड़ताल पर है। शुक्रवार को हड़ताल का चौथा दिन है पर अभी तक मांगों को लेकर काई निर्णय नहीं हो सका है। मप्र पटवारी संघ ग्रेड पे बढ़ाने पर अटका है। सरकार भी पटवारियों को आर्थिक लाभ देने पर राजी हो गयी है। लेकिन डेटलाईन तय नहीं की गयी है। इसलिये पटवारी हड़ताल वापिस नहीं ले रहे हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि मांगें पूरी होने के बाद ही काम पर वापिस लौटेंगे। इधर, हड़ताल के कारण आय-जाति के सर्टिफिकेट, जमीन की नक्शा-खसरा रिपोर्ट सहित रेवेन्यू से जुड़े कई काम अटक गये हैं। इस वजह से लोग परेशान हो रहे हैं।
पटवारी संगठन चाहता है कि सरकार पटवारियों का ग्रेड पे 2100 से बढ़ाकर कर दें। सरकार इस मांग को पूरा कर रही है। किन्तु ग्रेड पे 2400 करना चाहती है। महंगाई भत्ता बढ़ाने सहित पटवारियों के ट्रांसफर, सीपीसीटी की अनिवार्यता खत्म करने की भी मांग हैं। इन्हें लेकर 10 अगस्त से ही पटवारी हड़ताल पर चह रहे हैं। हालांकि 11 अगस्त को मंत्री गोविंदसिंह राजपूत, विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी व आयुक्त भू-अभिलेख ज्ञानेश्वर भाई पाटिल से मुलाकात के दौरान सकारात्मक बातचीत हुई थी। बावजूद हड़ताल खत्म नहीं हुई है।
आश्वासन तो लिखित में ठीक है, डेटलाइन बताये सरकार
मप्र पटवारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अभी तक हुई बातचीत सकारात्मक रही है। सरकार लिखित आश्वासन भी दे रही है। लेकिन डेटलाइन तय नहीं की थी। 2 वर्ष पहले भी लिखित आश्वासन दिया गया था। फिर भी मांगें अधूरी है। इसलिये सरकार से डेटलाइन तय करने की बात कर रहे हैं। वर्तमान में पटवारी काफी कम वेतन पर काम कर रह हैं। स्वयं के साथ अन्य विभागों के काम का दवाब भी उन पर हैं।

