राज्य सरकार हमें हड़ताल के लिये मजबूर कर रही है-रेखा परमार
ग्वालियर. नर्सेस अपनी मांगों को लेकर कई बार हड़ताल कर चुकी हैं । हड़ताल से होने वाली मरीजों की परेशानी के सामने आने पर अक्सर सामाजिक संगठनों द्वारा हड़ताल खत्म किए जाने का दबाव बनाया जाता है । इस बार भी नर्सेस ने हड़ताल की चेतवानी देते हुए पांच दिनों से चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है । ग्वालियर सहित मप्र के सभी मेडिकल कॉलेज की नर्सेस ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए इस बार सोशल इंवोल्वमेंट कार्ड खेला है । अपनी इसी रणनीति के तहत नर्सेस एसोसिएशन ने शासन से अब तक रिस्पोंस नहीं मिलने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों से मदद की गुहार लगाई है । नर्सेस एसोसिएशन ने कहा है कि अपनी मांगों को हैं । लेकर काम बंद या फिर हड़ताल जैसा कदम वह नहीं उठाना चाहती है । वहीं पूर्व में नर्सेस एसोसिएशन की हड़ताल होने जाने पर सामाजिक संगठनों द्वारा दबाव बनाया जाता रहा है । लिहाजा इस बार हड़ताल पर जाने से पहले एसोसिएशन ने कर सामाजिक संगठनों से मदद मांगते हुए कहा है कि उनकी की न्याय संगत मांगों को पूरा कराने में उनका साथ दे । कोरोना काल में नर्सेस के बेहतर और निष्ठापूर्वक काम का हवाला देते हुए सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वह सरकार नहीं के सामने उनका पक्ष रखें ।
यह है हमारी मांगें
पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए ।
कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए ।
कोविड .19 में नसेंस को सम्मानित करते हुए अग्रिम दो वेतन वृद्धि का लाभ उनकी सैलरी में लगाया जाए ।
2018 के आदर्श नियमों में संशोधन कर 70: ए 80: एवं 90: का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कि जाए ।
सरकारी कॉलेजों में सेवारत रहते हुए नर्सेस को उच्च शिक्षा के लिए आयु बंधन हटाकर मेल नर्स को समान अवसर दिया जाए ।
कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती कि गई नर्सेसको नियमित किया जाए ।
प्राइवेट कम्पनी स्त से लगाईगईनों को भी उनकी योग्यता के अनुसार । नियमित किया जाए ।
मध्यप्रदेश में कार्यरत नर्सेस को एक ही विभाग में समान कार्य के लिए समान वेतन मान दिया जाए ।
वर्षों से लंबित पड़ी पदोन्नति को शुरू किया जाए । नर्सेस को डेजिग्नेशन प्रमोशन दिया जाए और अन्य राज्यो की तरह नर्सेस के पदनाम परिवर्तित किए जाएं । मेल नर्स की भर्ती की जाए
नर्सेस का कहना है
नर्सेस अपनी लंबित मांगों को लेकर मजबूरन एक बार फिर चरणबद्ध आंदोलन कर रही है । अफसोसजनक बात ये है कि अब तक शासन द्वारा हमारी मांगों पर हमेशा की तरह कोई विचार नहीं किया गया है । इस अवस्था में न चाहते हुए भी हमे हड़ताल पर जाना पड़ सकता है । हड़ताल होने के बाद अक्सर सामाजिक संगठनों द्वारा हड़ताल खत्म करने का दबाव बनाया जाता है । इसलिए इस बार हड़ताल से पूर्व सामाजिक संगठनों से अपील है कि वह आगे आए और हमारी न्याय संगत मांगों को शासन के समक्ष रखें ।
रेखा परमार ए प्रदेशाध्यक्ष नर्सेस एसोसिएशन मप्र

