MP के बिजली उपभोक्ताओं को राहत, 2028 तक नहीं बढ़ेंगे दाम
भोपाल. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि हमारा प्रयास है कि वर्ष 2028 तक मध्य प्रदेश में बिजली की कीमत न बढ़े। हालांकि, उन्होंने विद्युत दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर यह भी कहा कि इसके लिए विद्युत वितरण कंपनियां स्वतंत्र हैं और विद्युत नियामक आयोग इस पर निर्णय लेता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां एक करोड़ उपभोक्ताओं को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली दी जा रही है। किसानों को एक रुपये की बिजली पर सब्सिडी देकर मात्र 60 पैसे लिए जाते हैं।
अधोसंरचना विकास और बिजली की उपलब्धता
महंगी बिजली के सवाल पर उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए विद्युत वितरण कंपनियों का अधोसंरचना विकास और रिक्त पदों की भर्ती जैसे कार्य भी लागत में जुड़ते हैं। उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण एवं पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराना तथा वास्तविक खपत का किफायती दरों पर भुगतान प्राप्त करना ही बिजली कंपनी के मुख्य कार्य हैं। वर्तमान में प्रदेश की कुल अनुबंधित क्षमता 25,081 मेगावाट है, जो हमें एक बिजली सरप्लस राज्य बनाती है। इसके साथ ही सरकार अब सौर ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है।

