बलवाड्रिल का अभ्यास पुलिस को मजबूत व दक्ष बनाता है-धर्मवीर सिंह
ग्वालियर। पुलिस लाइन ग्वालियर में बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया, इस अभ्यास का उद्देश्य कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने या किसी अप्रत्याशित परिस्थिति में पुलिस बल की तत्परता एवं सामूहिक कार्रवाई की दक्षता बढ़ाना था। इस दौरान पुलिस बल को दंगाइयों से निपटने के लिए विभिन्न रणनीतियाँ, भीड़ को नियंत्रित करने के तौर-तरीके और आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएँ सिखाई गईं।
इस अवसर पर SSP धर्मवीर सिंह ने कहा कि यह पुलिस की नियमित एक्सरसाइज है और जब कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है तब उसमें कुछ असामाजिक तत्व भी आ जाते हैं, इन लोगों से किस प्रकार निपटा जाए इसके लिए आज पुलिस लाइन में जिले के समस्त पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया है। इस अभ्यास में बलवा ड्रिल के संसाधनों का बखूबी इस्तेमाल कर बहुत ही अच्छा बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया है जो पुलिस बल को मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा। इस प्रकार का अभ्यास करते रहने से कभी भी ऐसी स्थिति निर्मित हो तो उसका सामना प्रभावी व दक्षता से किया जा सके। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा बलवा ड्रिल से पूर्व तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया।
बलवा ड्रिल अभ्यास के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के विभिन्न तरीकों के साथ लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले और दंगाईयों पर एंटी राइट गन, टीयर गैस गन, हैंड ग्रेनेड आदि शस्त्रों को चला कर अभ्यास कराया। इस दौरान पुलिस की विभिन्न टीमें बनाकर दंगा नियंत्रण के लिए अमल में लाए जाने वाले सभी विधिक प्रावधानों का क्रमवार अभ्यास कराया गया। पुलिस लाइन में बलवा ड्रिल के दौरान आधे पुलिसकर्मी दंगाई बने और आधे पुलिसकर्मी बलवा किट में तैनात थे।
जैसे ही दंगाई बने पुलिसकर्मियों ने पथराव और उपद्रव शुरू किया तो पुलिसकर्मियों ने पहले बैरीकेड से इन्हें रोका, जब बेकाबू हो गए तो अश्रु गैस के गोले छोड़े। करीब ढाई घंटे तक चले इस अभ्यास में पुलिस बल ने अत्यंत अनुशासन और समन्वय का परिचय दिया। मॉक ड्रिल के माध्यम से बल को हर स्थिति में शांति, संयम और तत्परता के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी गई।

