अगले साल तक देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूली का नया सिस्टम आम होगा, गडकरी ने बताया 6000 करोड़ तक बचाने का प्लान
नई दिल्ली. अगले साल तक देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूली का नया सिस्टम आम हो जाएगा। इसमें टोल नाकों पर गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं रह जाएगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि इससे 15000 करोड़ रुपये का ईंधन बचाया जा सकेगा और टोल से राजस्व भी 6000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकेगा।
टोल वसूली में यूपी आगे
देश में अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच सरकार ने 54,820 करोड़ रुपये की टोल वसूली की। सबसे ज्यादा 7060 करोड़ उत्तर प्रदेश से आए। इसके बाद राजस्थान का नंबर रहा, जहां से 5967 करोड़ रुपये जमा हुए। महाराष्ट्र से 5115, गुजरात से 4874 और तमिलनाडु से 4015 करोड़ रुपये की वसूली हुई।
टोल प्लाजा की संख्या के लिहाज से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और हरियाणा टॉप 5 राज्य हैं। जबकि हाईवे की लंबाई के लिहाज से हरियाणा टॉप 5 राज्यों में नहीं है। इस लिहाज से टॉप 5 राज्य हैं- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश।
टोल प्लाजा बढ़ने की तेज रफ्तार
देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उससे कहीं तेज रफ्तार से टोल प्लाजा बढ़ रहे हैं। एनएच की लंबाई दस साल में 60 फीसदी बढ़ी, जबकि टोल नाके डेढ़ साल से भी कम समय में करीब 15 फीसदी बढ़ गए। टोल नाकों पर वसूली जाने वाली रकम में भी कुछ सालों में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है।

