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पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर का खौफ अभी भी, यूरोपीय ड्रोन खरीद रहा है पाकिस्तान

Pakistan Ukraine Drone Deal

नई दिल्ली. भारत की खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच ड्रोन तकनीक के हस्तांतरण (ट्रांसफर ऑफ टेकनोलॉजी या टीओटी) समझौते पर कड़ी निगरानी रख रही है। एक वरिष्ठ ऑफिसर ने बताया है कि यह सौदा एक यूरोपीय ड्रोन कम्पनी और पाकिस्तान की सरकारी रक्षा कम्पनी हेवी इंडस्ट्रीज टैक्सिला (एचआईटी) के बीच हो चुका है। अधिकारी ने बताया है कि हम इस विकास पर पूरी नजर रखे हुए है। पाकिस्तान यह सौदा गुप्त करने का प्रयास कर रहा है।
यह खबर ऐसे वक्त में आयी है कि जब पाकिस्तान अपनी ड्रोन युद्ध क्षमता को मजबूत करने का प्रयास करने में लगा हुआ है। मई 2025 में हुई ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना के सीनियर अधिकारी यूक्रेन, रूस और यूरोप की अन्य ड्रोन कंपनियों से संपर्क में थे। वह मध्यम ऊंर्चाइ वाले लम्बी दूरी के (मेल) ड्रोन की तलाश कर रहे थे। अगर यह सौदा पूरा होता तो पाकिस्तान की ड्रोन जंग लड़ने की ताकत बढ़ जायेगा।
ड्रोन हमले से ऑपरेशन सिंदूर से सबक
ऑपरेशन सिंदूर मई 2025 में हुआ था। उस दौरान पाकिस्तानी सेना ने पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और हथियारों से कई हमले किये है। लेकिन भारतीय रक्षा बलों ने इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। बिना पायलट वाले हवाई यान (यूएएस) ने इस जंग में मुख्य भूमिका निभाई। इस घटना ने भारत को ड्रोन युद्ध की तैयारी और मजबूत करने का संकेत दिया।
रूस-यूक्रेन जंग से सबक
दुनिया भर में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में दोनों देश ड्रोन से एक-दूसरे के ऊर्जा केंद्रों, सैन्य ठिकानों और फैक्टरियों पर हमला कर रहे हैं। लंबी दूरी के ड्रोन रूस और यूक्रेन के अंदरूनी इलाकों में तेल रिफाइनरी और लॉजिस्टिक हब को निशाना बना रहे हैं. पाकिस्तान इस जंग से सीख ले रहा है और अपनी सेना को नई तकनीक से लैस करना चाहता है।
उत्तरी सेना कमांड का ड्रोन रिव्यू
उत्तरी आर्मी कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने गुरुवार को ड्रोन युद्ध की तैयारी की समीक्षा की। उन्हें आधुनिक ड्रोन की लड़ाकू क्षमता और तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने सभी रैंकों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इनोवेशन, तकनीकी उत्कृष्टता और बहु-क्षेत्रीय संचालन (मल्टी डोमेन ऑपरेशंस) में क्षमता विकास पर जोर दिया जाए. यह कदम दिखाता है कि उत्तरी कमांड आधुनिक जंग में बढ़त बनाए रखने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है।
भारत की रणनीति: सतर्कता और तैयारी
भारतीय एजेंसियां इस सौदे पर इसलिए चिंतित हैं क्योंकि पाकिस्तान की ड्रोन क्षमता बढ़ने से सीमा पर खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को भी अपनी ड्रोन तकनीक को और मजबूत करना होगा। ऑपरेशन सिंदूर जैसी घटनाओं से भारत ने साबित कर दिया है कि वह ड्रोन हमलों का मुकाबला करने में सक्षम है।  भविष्य के लिए लगातार निगरानी जरूरी है।  यह विकास क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक नया मोड़ ला सकता है।  भारत सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सैन्य स्तर पर तैयारी तेज हो गई है।

 

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