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समय पर आयकर रिटर्न नहीं भरने हाईकोर्ट ने कोविड को माना फोर्स मेजर, लॉकडाउन की वजह आईटी रिटर्न न भरने पर मिली राहत

ग्वालियर. हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच युगल पीठ ने कोविड-19 महामारी के दौरान आयकर रिटर्न दाखिल न कर पाने के मामले में याचिकाकर्त्ता को राहत दी है। न्यायालय ने इन परिस्थितियों को ‘‘फोर्स मेजर’’ (अप्रत्याशित घटना) माना है। न्यायामूर्ति आनंद पाठक और न्यायमूर्ति पुष्पेन्द्र यादव की पीठ ने प्रभात अग्रवाल बनाम इनकम टैक्स विभाग मामले में यह आदेश पारित किया है।
हालांकि न्यायालय ने याचिकाकर्त्ता पर 10 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। विभाग को यह भी अनुमति दी गयी है। यदि आवश्यक हो, तो वह विलंब के लिये उपयुक्त जुर्माना या पेनल्टी लगा सकता है। न्यायालय ने आयकर विभाग को याचिकाकर्त्ता को रिटर्न दाखिल करने का मौका देने का निर्दश दिया है।
क्या है मामला
याचिकाकर्त्ता प्रभात अग्रवाल ने पिता भगवानदास अग्रवाल के नाम से चल रही फर्म की आयकर रिटर्न वित्तीय वर्ष 2020-21 सं 2023-24 तक न भर पाने की वजह से हुई देरी को माफ करने की मांग की थी। उनकी दलील थी कि पिता के निधन (9 जनवरी 2019) और उ सके बाद कोविड -19 महामारी के दौरान सीाी गतिविधियों के ठप हो जाने की वजह से समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर सके। इनकम टैक्स विभाग ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया था। जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
वास्तविक कठिनाई’ मानी कोर्ट ने
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पाया कि याचिकाकर्ता के सामने आईं परिस्थितियां वास्तविक कठिनाई की श्रेणी में आती हैं। इन्हीं मानवीय और अप्रत्याशित परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने आयकर विभाग को इस मामले पर पुनः विचार करने के निर्देश दिए हैं।

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