MP देश में पहला राज्य जिसने डी-डुप्लीकेशन वाहनों की 2.50 लाख एंट्री की शून्य
ग्वालियर. मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य हो गया है जिसने अपने राज्य से डी-डुप्लीकेशन वाहनों की ढाई लाख एंट्रियों को हटा दिया है। यह आंकडा अब शून्य है। ये ऐसे सभी तरह के वाहन थे जो एक आरटीओ जिले के साथ दूसरे जिले में भी रजिस्टर्ड थे। इन वाहनों के मालिकों को परिवहन विभाग की डिजिटल सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था और शिकायतें भी बढ रहीं थीं। इसका कारण पता बदल जाना वह वाहन ट्रांसफर के बाद भी एंट्री सिस्टम में अपडेट न होना था। देशभर में ऐसे 35 लाख वाहन हैं। परिवहन विभाग ने मुहिम चलाकर इस काम को किया।
सभी राज्यों के परिवहन विभाग के द्वारा वाहनों के पंजीयन एवं उनके स्थानांतरण के संबंध में विभिन्न आरटीओ कार्यालयों में समय-समय पर प्रविष्टियां की जाती है। पूर्व में कागजों पर संधारित रिकॉर्ड को डिजिटलाइज करने के दौरान एवं दूसरे आरटीओ के अधिकार क्षेत्र में वाहन के स्थानांतरित होने पर पूर्व के आरटीओ द्वारा एंट्री को डिलीट न किए जाने के कारण देश भर में 35 लाख वाहन के स्थानांतरित होने पर पूर्व के आरटीओ द्वारा एंट्री को डिलीट न किए जाने के कारण देश भर में 35 लाख वाहन ऐसे थे जिनकी प्रविष्टि एक से अधिक आरटीओ में होने से उन वाहनो ंके स्वामियों को परिवहन विभाग की सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा हरा था।
परिवहन विभाग द्वारा एक विशेष मुहिम चलायी गयी और इसकी समीक्षा प्रत्येक पखवाड़े में वरिष्ठ स्तर पर किए जाने से मध्य प्रदेश में समस्त डुप्लीकेट एंट्रियों को सही कर दिया गया है। देश भर के समस्त बड़े राज्यों में डी डुप्लीकेशन की लंबित प्रविष्टियों को शून्य करने वाला मध्य प्रदेश देश पहला राज्य बन गया है।

