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MPमें 426 SLR, ASLR को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के पॉवर मिले, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पदों मर्ज करने के बाद राजस्व विभाग का फैसला

भोपाल. डॉ. मोहन सरकार ने राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों को बड़ी प्रशासनिक शक्तियां सौंपते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख (एसएलआर) और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख (एएसएलआर) को अब कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अधिकार दे दिये है। राजस्व विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है अब इन अधिकारियों से मजिस्ट्रियल कार्य भी कराये जा सकेंगे।
पहले सितम्बर 2025 में राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर एसएलआर और एएसएलआर के पदों को क्रमशः तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पदनाम में मर्ज कर दिया था। अब उन्हें कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अधिकार दिये जाने से वह न्यायिक और प्रशासनिक दोनों कार्य कर सकेंगे।
रेवेन्यू कोर्ट में अब होंगे 2278 अधिकारी
राजस्व विभाग के अनुसार इस नये आदेश के बाद राज्य में रेवेन्यू कोर्ट और अन्य मजिस्ट्रियल कार्यो के लिये कुल 2278 अधिकारी उपलब्ध हो गये है। इससे राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के निराकरण की गति तेज होगी और ग्रामीण एवं तहसील स्तर पर प्रशासनिक कार्यो में सुगमता आयेगी। आपको बता दें कि इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय 3 जून को पचमढ़ी में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था।
ऐसा होगा तहसीलदारों का नया सेटअप
राजस्व विभाग ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के पावर देने के आदेश 23 अक्टूबर को दिए हैं। इसके पहले विभाग ने कहा था कि प्रदेश में अधीक्षक भू-अभिलेख के 144 पद और तहसीलदार के 610 पद मंजूर हैं। दोनों पद कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत समान वेतनमान वाले हैं। इन पदों का आपस में समायोजन होने के बाद अब तहसीलदार के 754 पद हो गए हैं।
अधीक्षक भू-अभिलेख जिनका नया नाम तहसीलदार होगा, इस पद से डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति के लिए पूर्व में तय सीनियरिटी के आधार पर अपनाई गई प्रोसेस का पालन तब तक किया जाता रहेगा जब तक यह पूरा कैडर रिटायरमेंट या अन्य कारणों से पूरी तरह रिक्त नहीं हो जाता है।
अधीक्षक भू-अभिलेख कैडर के पदों पर केवल नायब तहसीलदार के रूप में पदस्थ सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख की ही पदोन्नति की जा सकेगी।
यह कैडर तब तक अस्तित्व में रहेगा जब तक कि पूरे कैडर यानी अधीक्षक भू-अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू -अभिलेख के रूप में पदस्थ अधिकारी रिटायर नहीं हो जाएंगे।
दोनों ही समान कैडर के पदों को मर्ज किए जाने के पाद भू-अभिलेख कैडर के वजूद में रहने तक अधीक्षक भू-अभिलेख और तहसीलदार कैडर की अलग-अलग पदक्रम सूची बनाई जाएगी।
ASLR और नायब तहसीलदार के लिए ऐसी होगी व्यवस्था
इसी तरह सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख और नायब तहसीलदार कैडर को पदों के समायोजन को लेकर भी मंजूरी दी गई है। प्रदेश में सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के 282 और नायब तहसीलदार के 1242 पद स्वीकृत हैं। दोनों ही पद कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत समान वेतनमान वाले पद हैं। इसलिए दोनों ही पदों को आपस में मर्ज कर दिया है। इसके बाद प्रदेश में नायब तहसीलदार कैडर के 1524 पद हो गए हैं।
अधीक्षक भू-अभिलेख (तहसीलदार) कैडर के पदों पर केवल नायब तहसीलदार के रूप में पदस्थ सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को ही पदोन्नति दी जाएगी। यह क्रम तब तक चलता रहेगा जब तक कि इस कैडर के सभी अधिकारी रिटायर नहीं हो जाते।
सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख कैडर में सीधी भर्ती के स्वीकृत पदों पर अब कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी। सीधी भर्ती के रिक्त पद जैसे जैसे खाली होते जाएंगे उन पदों को नायब तहसीलदार के स्वीकृत पदों के साथ जोड़कर नई भर्ती नायब तहसीलदार के रूप में की जाएगी।
सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के प्रमोशन के लिए मंजूर पदों पर राजस्व निरीक्षक के पद से प्रमोशन की कार्यवाही पहले की तरह नायब तहसीलदार और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख दोनों ही पदों पर पदोन्नति के लिए तय प्रतिशत के अनुसार की जाएगी। यह प्रक्रिया तब तक चलेगी जब तक वर्तमान में पदस्थ सभी राजस्व निरीक्षक की पदोन्नति नहीं हो जाती। नई भर्ती के अंतर्गत राजस्व निरीक्षकों के प्रमोशन की कार्यवाही नायब तहसीलदार भर्ती नियम 2011 के अनुसार की जाएगी।

 

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