समीक्षा बैठक से रूठे विधायक को सिंधिया साथ लेकर आये, विधायक सतीश सिकरबार को वीआईपी गेट पर रोका, सिंधिया बोले -बैठक सार्थक रहीं
ग्वालियर. शुक्रवार की प्रातः 11 बजे बुलाई गयी विकास कार्यो की समीक्षा बैठक से पूर्व हाईवोल्टेज सियासी ड्राम देखने को मिला। कांग्रेस विधायक डॉ. सतीश सिकरबार अपने घर के लिये लौटने लगे तो बैठक ले रहे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की नजर उन पड़ी तो वह स्वयं कांग्रेस विधायक को लेकर बैठक में पहुंचे। सिंधिया की समीक्षा बैठक में ग्वालियर के सांसद व विधानसभा अध्यक्ष के गुट के भारतसिंह कुशवाह बैठक से नदारद रहे। गुना-शिवपुरी सांसद और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठक ले रहे थें जबकि ग्वालियर सांसद भारतसिंह कुशवाह ने शिवपुरी के चूना खो में कार्यकर्त्ताओं की बैठक बुलाई थी।
इन प्रोजेक्टों की सिंधिया लगातार कर रहें हैं मॉनीटरिंग
शहर के विकास को लेकर बुलाई गयी बैठक में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कलेक्ट्रेट के सभागार में 11 प्रमुख विकास योजनाओं पर चर्चा की। जिनमें एलिवेटेड रोड़, रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण, आगरा एक्सप्रेस वे, वेस्टर्न बायपास और चम्बल नदी से पानी की आपूर्ति जैसे प्रोजेक्ट शामिल है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे हों। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर, मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर और कुछ कांग्रेस पार्षद मौजूद रहे।
रूठे विधायक को सिंधिया अपने साथ लेकर आये
समीक्षा बैठक में शामिल होने के आये कांग्रेस विधायक सतीश सिकरबार जब कलेक्ट्रेट पहुंचे तो तहसीलदार कुलदीप दुबे ने उन्हें वीआईपी गेट पर रोक लिया था। तहसीलदार ने उन्हें मुख्य गेट से नहीं बल्कि दूसरे गेट से अन्दर जाने के लिये कहा। तहसीलदार के इस व्यवहार पर विधायक सिकरबार नाराज हुए और गाड़ी में बैठकर लौटने निकल पड़े। इसी बीच रास्ते में उनकी मुलाकात केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से हो गयी। सिंधिया ने मामले को समझते हुए कांग्रेस विधायक से बात की और मनाकर स्वयं अपने साथ लेकर बैठक में पहुंचे।
भाजपा राज्य में अलग-अलग गेट बनाये जाते है-सिकरबार
इस मामले में कांग्रेस विधायक डॉ. सतीश सिकरबार का कहना है कि बीजेपी के शासन में भाजपा विधायक व कांग्रेस विधायक के लिये अलग-अलग गेट बनाये थे। यह सही नहीं हैं। ऐसी व्यवस्था न मैं मानता हूं न ही चलने दूंगा।
सिंधिया बोले-समीक्षा बैठक सार्थक रही
समीक्षा बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले कि यह बैठक बहुत ही सार्थक रही है। इससे शहर में चल रहे सभी विकास कार्यो पर बातचीत हुई है। सड़कों पर हमारी खुलकर बातचीत हुई है। 234 सड़के ऐसी है जिन पर काम होना है। इसके अलावा एलिवेटेड रोडद्व रेलवे स्टेशन और चम्बल से पानी लाने के प्रोजेक्ट पर भी सार्थक बातचीत हुई है।
समीक्षा बैठक लेते केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया।
1–60 वार्डों के उपभोक्ताओं को संतुष्ट और असंतुष्ट श्रेणियों में बांटकर असंतुष्ट क्षेत्रों के लिए नए प्रोजेक्ट बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि इन वार्डों में स्रोत से नई पाइपलाइन कनेक्शन डाले जाएं और 61–66 वार्डों में घर-घर तक नई पाइपलाइन पहुंचाई जाए।
केंद्रीय मंत्री ने ग्वालियर की सबसे बड़ी परियोजनाओं में शामिल एलीवेटेड रोड–I एवं II की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से फेज–II के अंतर्गत स्वर्णरेखा रिवर फ्लाइओवर के कार्य की प्रगति पर जानकारी ली।
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह परियोजनाएं ग्वालियर के ट्रैफिक प्रबंधन और शहर की सुंदरता दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इनके काम में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि परियोजना का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
बैठक में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अत्यधिक वाहन भार वाले रास्तों पर स्थानीय व्यापारियों के साथ मिलकर प्लान तैयार किया जाएगा जिससे सड़कों पर भार कम हो सके।
समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिए गए
शहर की कुल 359 सड़कों को चिन्हित किया गया और उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया: ग्रीन रोड (अच्छी सड़क), येलो रोड (संतोषजनक) और रेड रोड (खस्ताहाल)। समीक्षा में 125 सड़कें ग्रीन रोड, 63 सड़कें येलो रोड और 171 सड़कें रेड रोड के अंतर्गत पाई गईं।
मंत्री ने बताया कि येलो और रेड कैटेगरी की कुल 234 सड़कों के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण कार्य शुरू करने से पहले गति शक्ति पोर्टल, अधोसंरचना, मानचित्र, ऊर्जा और टेलीकॉम के तार जैसे सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पहले से सूचित करने, सभी तरह की तारों को एक ही पाइपलाइन में व्यवस्थित करने, ट्रंक लाइन की सफाई हर वर्ष करने और हर सड़क पर एक सर्टिफाइड इंजीनियर नियुक्त करने के निर्देश दिए।
सिंधिया ने सीवर और नाली व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया। बैठक में सीवर व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु चार पार्टियों को ठेके देने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने आवश्यकता अनुसार 1 सुपर सकर, 14 जेटिंग एवं सक्शन मशीन, और 13 डिस्टिल मशीन की मांग रखी, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 24 करोड़ रुपए आंकी गई।
सिंधिया ने ड्रेनेज सिस्टम अलग न होने और सीवेज पर अधिक लोड की चुनौती को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सीवर सुधार के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित करने का निर्णय लिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नए फंड का उपयोग तभी किया जाए जब पहले से स्वीकृत सभी कार्य पूरे हो जाएं।
वर्तमान में प्रति व्यक्ति पानी की मांग 135 लीटर प्रतिदिन है, जबकि आपूर्ति 20 एमएलडी हैंडपंप और 60 एमएलडी नलकूपों से की जा रही है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इलाके की जल आपूर्ति के लिए 2332 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई थी जिसमें से 813 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके थे।
इसमें से 460 करोड़ रुपए की चंबल जल परियोजना की प्रगति पर लगाए जा रहे हैं जिसकी इस बैठक में समीक्षा की गई, बचे 350 करोड़ रुपए के खर्च के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ चर्चा कर योजना बनाई जाएगी।