तीसरी रेललाईन का कार्य पूरा, जल्द बढ़ेगी प्लेटफॉर्म की संख्या, 9 ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी
ग्वालियर. नाम एक्सप्रेस और किराया भी एक्सप्रेस का लेकिन रफ्तार इतनी सुस्त कि यात्री चुटकी लेने लगे हैं। कि साईकिल से निकल लेते तो शायद जल्दी ही पहुंचा जाते। ग्वालियर से होकर निकलने वाली कई ट्रेनें 100-130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार के दावे के बावजूद 11-47 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से रेंग रही है। रेलवे के रिकॉर्ड के अनुसार बरोनी -ग्वालियर एक्सप्रेस को झांसी से ग्वालियर (98 किमी) सफर तय करने में 3 घंटे और इटावा-कोटा एक्सप्रेस को शनिश्चरा से ग्वालियर (18 किमी) का यात्रा करने में 1 घंटा 23 मिनट लगते हैं।
रेलवे अधिकारियों का कहना हैकि ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर अभी 4 प्लेटफार्म है। इससे झांसी, आगरा और शिवपुरी की तरफ से आने वाली ट्रेन जब एक साथ पहुंचती हैं तो उन्हें आउटर पर खड़ा करना उनकी मजबूरी है। जल्द ही इस रूट पर चलने वाली 9 ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। क्योंकि थर्ड लाइन करीब पूरी हो गयी है। और स्टेशन पर प्लेटफार्म की संख्या भी बढ़ेगी। यह सारा काम अगले 4 माह में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
समय-सारणी में बदलाव और ट्रेन को रियल टाइम प्लेटफार्म पर प्रवेश मिले
धौलपुर से बीना सेक्शन में तीसरी लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है। इससे ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेनों को आउटर पर रोकने की मजबूरी काफी हद तक कम हो जाएगी। रेलवे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अब जरूरी हो गया है कि-कुछ ट्रेनों की समय-सारणी (टाइम ट्रेबल) में बदलाव हो एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की स्पीड के अनुसार नया टाइम टेबल बने गाड़ियों को रियल टाइम में प्लेटफॉर्म पर प्रवेश मिले।
दो नए प्लेटफॉर्म का निर्माण
ग्वालियर स्टेशन पर 2 नए प्लेटफॉर्म का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। इसके अलावा ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम का काम भी फाइनल स्टेज में है। अगर ये दोनों काम वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरे हो जाते हैं, तो 2026 से ग्वालियर स्टेशन पर यात्रियों को असली ‘एक्सप्रेस स्पीड’ का अनुभव मिलेगा।