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नया विवाद-राजमाता चौराहे से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक लगी सड़क पर तख्तियां लिखा बीएन राव मार्ग

ग्वालियर. संविधान निर्माता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। रक्षक मोर्चा के संरक्षक एडवोकेट अनिल मिश्रा, अमित दुबे, ध्यानेन्द्र शर्मा, जनवेद तोमर, लालता मिश्रा समेत सैकड़ों सदस्यों ने अचानक गुरूवार की देर रात लगभग 11.30 बजे राजमाता चौरहा से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक की सड़क पर सर जस्टिम बीएन मार्ग नाम की तख्तियां लगा दी है। एक ओर जहां डॉ. भीमराव अम्बेडकर को संविधान निर्माण के रूप में माना जा रहा है। वहीं दूसरा पक्ष बीएन राव को इस पद पर स्थापित करना चाहता है। जिले के चीनोर में अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित किये जाने के बाद यह विवाद और बढ़ गया है।
रक्षक मोर्चा के कार्यकर्त्ताओं ने आरोप लगाया है कि प्रशासन उन्हें न तो बीएन राव की प्रमिता लगाने की अनुमति दे रहा है और न ही सड़क का नामकरण करने की। उनका कहना है कि जब अम्बेडकर की प्रतिमा सरकारी जगह पर लगाई जा सकती है। तो उनकी मांगों को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। कार्यकर्त्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता है तो यह सविधान और कानून के नियमों का उल्लघंन होगा। चीनोर में अंबेडकर प्रतिमा स्थापना को लेकर जिला कलेक्टर की भूमिका पर भी सवाल उठाये जा रहे है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को ज्ञापन सौंपकर की थी मांग
पिछले दिनों कलेक्टर सभागार में बैठक लेने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भी रक्षक मोर्चा के सदस्य भारी संख्या में पहुंचे थे। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से ज्ञापन देकर यह मांग की थी। राजमाता विजयाराजे सिंधिया चौराहे से लेकर कलेक्ट्रेट मार्ग का नाम बीएन राव के नाम किया जाये। क्योंकि वह संविधान के निर्माता थे। उन्होंने कहा था कि विधि क्षेत्र के बहुत बड़े विद्वान थे। चूंकि इस मार्ग में ग्वालियर उच्च न्यायालय खंडपीठ और जिला न्यायालय के अलावा जिला दंडाधिकारी यानी कलेक्ट्रेट कार्यालय भी इसी मार्ग पर मौजूद है। जहां से हजारों की संख्या में विधि से जुड़े ऐसे लोग प्रतिदिन निकलते है। जो बीएन राव को अपना आदर्श मानते हैं।

 

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