मप्र छत्तीसगढ़

निरीक्षण-डीआरएम को रेलवे स्टेशन पर मिली गंदगी और अव्यवस्था हुए नाराज

ग्वालियर. झांसी मंडल के रेल प्रबंधक अनिरूद्ध कुमार ने शनिवार को रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बीच स्टेशन पर अव्यवस्थायें देखने को मिली जैसे कि गंदगी के साथ ही लापरवाहपूर्ण रवैया खुलकर डीआरएम के सामने आ गया। डीआरएम ने सफाई व्यवस्था से लेकर अधिकारियों की कार्यशैली तक हर जगह नाराज दिखाई दिये। निरीक्षण के दौरान वह शौचालय में चले गये वहां कर्मचारी सफाई कर रहे थे। यह देखकर उन्होंने सीएचआई से पूछा आज ही सफाई क्यों हो रही है। यहां की बद्बू बता रही है कि रोज सफाई नहीं होती है। रोजाना सफाई कराओ वरना कार्यवाही होंगी। सीएचआई ने यह सुनकर नजरें झुका ली। निरीक्षण के बीच पार्सल कार्यालय में खराब तौल मशीन देखकर डीआरएम नाराज हुए। उन्होंने सीपीएस से पूछा कि यह कंडम मशीन यहां क्यों पड़ी है हटाओ इसे।
डीआरएम के आने की रात में ही स्थानीय अधिकारियों को भनक लग चुकी थी। लेकिन इसके बाद भी स्टेशन की बदहाल तस्वीर बदली नहीं। शाम 4 बजकर 10 मिनट पर उदी मोड से निरीक्षण करते हुए ग्वालियर पहुंचे डीआरएम ने सबसे पहले स्टेशन पर चल रहे पुर्न विकास कार्य का प्रजेंटेशन देखा। इसके बाद से सीधे प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर पहुंचे और निर्माण कार्यो की बारीकी से जांच की। यहां डिप्टी सीई सुधीर पटेल से उन्होंने कई सवाल पूछे। वहीं भोजनालय पर पहुंचे डीआरएम ने कर्मचारियों से पानी की बोतल की कीमत पूछी। तो जबाव मिला 15 रूपये। इस पर डीआरएम ने सख्ती दिखाते हुए कहा अगर शिकायत आई तो छोडूंगा नहीं।
रेलवे स्टेशन के पुर्नविकास का 70% काम पूरा
डीआरएम अनिरूद्ध कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा है कि रेलवे स्टेशन पुनर्विकास का काम अभी करीब 20% तक जा पहुंचा है। इसमें मुख्य काम फाउंडेशन बनाने का होता है। जो करीब तैयार हो चुका है। पूर्वकी ओर स्ट्रक्चर का काम होगा। इसमें अब 3-4 माह लगेंगे। नवम्बर में भी कुछ काम पूरे होंगे। झांसी मण्डल में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में उच्चीकरण के लिये चयनित 16 स्टेशन का काम चल रहा है। इनमें से कुछ स्टेशनों का काम करीब पूर्ण हो चुका है। जिनका उद्घाटन किया जा सकता है। डीआरएम ने चर्चा के दौरान कहा है कि वह जिस अपेक्षा के साथ ग्वालियर आये थे वह उन्हें निरीक्षण में कहीं नहीं दिखाई दिया। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर सफाई-कैटरिंग सुधार में सुधार की काफी जरूरत है।

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