प्लेन के इंजन बंद हुए थे जज्बा नहीं…अंतिम पल तक विमान को वचाने के लिये संघर्ष करते हुए दोनों पायलट

नई दिल्ली. गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयरइंडिया प्लेन क्रैश के मामले में एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट आ गयी है। इस रिपोर्ट में प्लेन क्रैश होने को लेकर फ्लाइट में क्या हो रहा था। इसे लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पायलटों ने दोनों इंजनों का अंतिम समय तक स्टार्ट करने का प्रयास किया था। कम से कम एक इंजन में रिकवरी शुरू भी गयी थी। लेकिन इंजन2 संभवतः नहीं हो सका। एएआईबी की रिपोर्ट में खुलास हुआ है कि पायलटों द्वारा मेडे कॉल देने के कुछ सेकंड पहले ही प्लेन को बचाने की अंतिम कोशिश भी गयी थी।
अंतिम समय में क्या हुआ था
रिपोर्ट के अनुसार मेडे कॉल आने से ठीक पहले 13 सेकंड पहले, पायलटों ने इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच को कटऑफ से रन पर वापिस किया यानी इसका मतलब होता है कि इंजन को दोबारा स्टार्ट करने की प्रक्रिया शुरू करना है।
कब रूकी रिकॉर्डिंग
दोपहर 1 बजकर 39 मिनट 11 सेकेंड पर इंजन एयरक्राफ्ट फ्लाइट रिकॉर्डर (ईएएफआर) की रिकॉर्डिंग रूक गयी-यानी तभी अंतिम तकनीकी डेटा रिकॉर्ड हुआ।
इंजन-1 शुरू हो रहा था, इंजन 2 फेल
इंजन 1 की कोर डिसेलेरेशन (धीमा होना) बंद हो गया और इंजन ने शुरूआत कर दी थी। इंजन 2 ने भी रिलाइट किया। लेकिन उसकी कोर स्पीड रूक नहीं सकी और बार-बार फ्यूल दोबारा डाला गया पर इंजन पूरी तरह रिकवर नहीं हो सका।
दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 52 सेकंड पर इंजन 1 का फ्यूल स्विच “रन” पर लाया गया.
दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 54 सेकंड पर एपीयू (सहायक विद्युत इकाई) इनलेट डोर खुलने लगी, जिससे इंजन स्टार्ट प्रक्रिया एक्टिव हुई.
दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 56 सेकंड पर इंजन 2 का स्विच भी “रन” पर किया गया.
इस प्रक्रिया के तहत एफएडीईसी (पूर्ण प्राधिकरण डिजिटल इंजन नियंत्रण) सिस्टम अपने आप फ्यूल और इग्निशन का कंट्रोल ले लेता है. दोनों इंजनों के ईजीटी (निकास गैस तापमान) में तेजी से बढ़त दिखी — ये रिलाइट का संकेत है.

