वीरपुर बांध का 5 करोड़ रूपये से होगा सौन्दर्यीकरण, जलप्रवाह नहीं बदलेगा और न ही मूलस्वरूप में बदलाव होगा
डब्ल्यूआरडी ने शर्तो के साथ दी एनओसी
ग्वालियर. वीरपुर बांध का सौन्दर्यीकरण हो सके इसके लिये जल संसाधन विभाग ने नगर निगम को अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर दिया हे। लेकिन इसमें शर्ते जोड़ी गयी है। इनके तहत नगरनिगम ने तो जल धारा से छेड़छाड़ कर सकेगा और न ही बांध के मूल स्वरूप में बदलाव होगा। सौन्दर्यीकरण का जो भी कार्य किया जायेगा। यह जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री की निगरानी में होगा।
वीरपुर बांध का सौन्दर्यीकरण हो और इसे पिकनिक स्पॉट के रूप् में तब्दील किया जा सके इसके लिये अमृत-2 के तहत 5 करोड़ रूपये की राशि नगरनिगम को प्रदान की गयी है। नगरनिगम ने सौन्दर्यीकरण के लिये जल संसाधन विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र मांगा था।
तालाबों से गाद नहीं निकाल सकते
वीरपुर बांध का सौन्दर्यीकरण भेले ही हो जाये। लेकिन तालाब में से गाद निकालकर इसे गहरा नहीं किया जा सकेगा। इसके पीछे वह आदेश कारण बना है। जो वर्ष 2011 में जारी किया गया था। पिछले 13 साल से प्रदेश के किसी तालाब से गाद निकालने के काम पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसलिये वीरपुर बांध को भी गहरा नहीं किया जा सकेगा।
जो भी काम होगा एक्जीक्यूटिव इंजीनियर केी देखरेख में होगा
सरकारी विभागों को एक-दूसरे पर कतई विश्वास नहीं है। इस बात का पता इससे चलता है कि जल संसाधन विभाग ने जो अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया है। उसमें स्पष्ट लिखा गया है कि नगरनिगम जो भी कार्य करेगा। वह उनके कार्यपालन यंत्री स्तर के अधिकारी की निगरानी में होगा। इसके लिये हरसी जल संसाधन संभाग के कार्यपालन यंत्री अग्निवेश सिंह को नियुक्त किया गया है।