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मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में 7वें वेतनमान के अनुसार मिले पेंशन की मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी-राकेश गुर्जर

ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय समेत मध्यप्रदेश के अब पारंपरिक विश्वविद्यालयों में कल से सारे काम ठप्प हो जायेंगे। मुख्य मांग 7वें वेतनमान के अनुसार पेंशन मिले 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे कर्मचारी, अधिकारी और प्रोफेसरों की कल 2 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी, जिसमें प्रत्येक दिन एक कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर भी बैठेगा। पिछले कई दिनों से चरणबद्ध तरीके आन्दोलन चल रहा है। इससे पहले से ही विश्वविद्यालय की व्यवस्थायें चरमराई हुई है। दूर-दराज से अपन जरूरी कामों के लिये आ रहे छा़़त्र-छात्रायें परेशान हो रहे हैं। वही विश्वविद्यालय को यूजी व पीजी की परीक्षायें टालनी पड़ी है। यूजी तृतीय वर्ष की कॉपियों का मूल्यांकन का काम भी ठप्प हो गया है। अब अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होने पर पूरी तरह से जीवजी विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालयों में सभी तरह के काम रूक जायेंगे। इसका सीधा असर शैक्षणिक सत्र पर भी पड़ेगा। पिछले 15 दिनों से आन्दोलन चल रहा है। इससे पहले से ही शैक्षणिक वसत्र गड़बड़ा रहा है। अब गैर मियादी हड़ताल शुरू होते ही सत्र और पिछड़ेगा। कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा। हालांकि उच्च शिक्षा विभाग के आला अधिकारी हड़ताल को खत्म कराने के प्रयास में जुटे हुए हैं। कुछ मांगों को पूरा करने पर विचार मंथन भी चल रहा है। मप्र विश्वविद्यालयीन कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों को भी बातचीत के लिये भोपाल बुलाया गया है।
निर्देश जारी होने तक रहेगी हड़ताल
हमारी मुख्य मांग 7वें वेतनमान के अनुसार पेंशन मिले जबकि अन्य विभागों में मिल रही है, जब तक हमारी मांगें पूरी करने के निर्देश जारी नहीं कर दिये जायेंगे तब तक आन्दोलन चलेगा। कल 2 जून से सभी विश्वविद्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जायेगी।
राकेश गुर्जर, प्रांताध्यक्ष, मप्र विश्वविद्यालयीन कर्मचारी महासंघ

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