5 मशीनों से चैनल की खुदाई जारी है, सभी सुरक्षित हैं, उनके खाने-पीने का इंतजाम किया है
धार. धार जिले के लीकेज वाले बांध को बचाने के लिए सेना, प्रशासन और शासन पूरी ताकत से लगा है। हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर बांध का क्या होगा, क्या इसे फूटने से बचा लिया जाएगा, इसके लिए क्या किया जा रहा है, मरम्मत और बांध के वाटर प्रेशर को कम करने का काम कहां तक हुआ। इन सभी सवालों के जवाब खुद मौके पर मौजूद जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने दिए। उन्होंने मौके से किसी रिपोर्टर की तरह एक-एक बात बताई कि बांध को फूटने से बचाने के लिए क्या कोशिशें हो रही हैं।
डैम से मंत्री सिलावट की रिपोर्ट
जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान काे कारम नदी पर बने बांध के लीकेज होने की बात पता चली, उन्होंने तत्काल अधिकारियों, कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव से लेकर मुझे यहां भेजा। मैं स्वयं 24 घंटे से यहीं पर हूं। यह बड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन हालात नियंत्रण में हैं। हमारा प्रयास, हमारी कोशिश आप जानते हैं कि दो चैनल बनाकर- लेफ्ट और राइट, पानी की निकासी करेंगे, जिससे 15 MCM (मिलियन घन मीटर) पानी अभी हमारे निर्माणाधीन डैम में है। इसे कैसे छोड़ें जैसे आप पीछे देख रहे हैं, यह जो नहर है, यह चैनल बन जाती है, तो 24 घंटे में एक MCM पानी हम बाहर कर सकते हैं।
ये पांच-पांच मशीन यहां लगी हैं, सारे उपाय, सारे विकल्प पर सारे अधिकारी चर्चा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हर घंटे समीक्षा कर रहे हैं, वे पल-पल की खबर ले रहे हैं। इस बांध से 42 गांव के 10 हजार 500 हेक्टेयर में सिंचाई होनी है। धार के 12 और खरगोन के 6 गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। उनके खाने-पीने के लिए सबकुछ किया जा रहा है। शासन और प्रशासन मुस्तैदी से यहां लगा हुआ है।

