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संचार ऐप से जासूसी संभव नहीं-ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली. संसद के चालू शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। पहले दिन एसआईआर पर खूब बहस हुई है। पक्ष और विपक्ष के बीच चली रार और विपक्ष के हंगाम की वजह से लोकसभा की कार्यवाही बार-बार व्यवधान आ रहा है। वहीं, राज्यसभा में भी विपक्ष के वॉकआउट के बाद जीरो ओवर और स्पेशन मेंशन की कार्यवाही चली।दूसरे दिन की कार्यवाही में बीच का रास्ता निकालने पर बात हो रही थी। लेकिन दूसरा दिन संचार साथी ऐप के मुद्दे के नाम रहा। इस मामले में एक बार से फिर विपक्ष ने तल्ख तेवर दिखलायें।
संचार साथी ऐप  में नियम में संशोधन करने को तैयार-केंद्रीय मंत्री सिंधिया
संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के विवाद पर लोकसभा में आज केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई. मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सदन में स्पष्ट किया:“जनता में जो अफवाहें चल रही हैं, उन पर मत जाइए. नियम 7B में कहीं नहीं लिखा है कि यूज़र ऐप को अनइंस्टॉल नहीं कर सकता. समस्या यह है कि बिना डिटेल में गए बहुत सारी सच्चाई खो जाती है।
7B सिर्फ इतना कहता है कि फोन में ऐप इंस्टॉल होनी चाहिए और यूज़र तक उसकी पहुंच में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए, उसे डिसेबल नहीं किया जाना चाहिए ताकि यूज़र इस्तेमाल कर सके. 7B में कहीं नहीं लिखा कि यूज़र ऐप डिलीट नहीं कर सकता.7B यूज़र के लिए नहीं, निर्माता कंपनियों के लिए है. इसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है. मेरा एकमात्र उद्देश्य जनता की सुरक्षा है. हम लोगों को इस कैंसर यानी साइबर फ्रॉड से बचाना चाहते हैं. अब फैसला करना है कि हम लोगों को ठगी से बचाएं या ठगी को चलने दें. जो फीडबैक आया है, उसके आधार पर हम नियम में संशोधन करने को तैयार हैं. मैंने संसद में कह दिया है, हम जिद्दी नहीं हैं।”

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