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जाति बदलकर प्रमोशन ले चुके हैं संतोष वर्मा, 2021 में हुए थे गिरफ्तार, केस आज भी विचाराधीन, सांसद ने की कार्यवाही की मांग

रीवा. ब्राहम्ण बेटियों पर विवादित टिप्पणी करने वाले आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कार्यवाही की मांग तेज हो गयी है। रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने केन्द्र सरकार के कार्मिक राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह को पत्र भेजकर वर्मा की टिप्पणी, पुराने आपराधिक मामलों और आईएएस में हुई पदोन्नित सभी की जांच की मांग की है। सांसद ने वर्मा पर जाति बदलकर प्रमोशन लेते हुए गंभीर आरोप लगाया है। सांसद ने पत्र में लिखा है कि अजाक्स (एजेएकेएस) के कार्यक्रम में वर्मा ने मंच से कहा था कि जब तक कोई ब्राहम्ण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं दे दे या उससे संबंध न बना लें। तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिये। सांसद ने इस बयान को अशोभनीय, अपमानजनक, लैंगिक रूप से संवेदनशील और जातीय वैमनस्य फैलाने वाला बताया है।
SC  से ST बनकर प्रमोशन लेने का आरोप
संसद ने पत्र लिखा कि संतोष वर्मा पहले अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के अधिकारी थे। लेकिन आईएएस चयन के लिये उन्होंने स्वयं को अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग का बताकर पदोन्नति हासिल की और इसकी जांच होनी चाहिये।
2021 में संतोष वर्मा हो चुके गिरफ्तार, केस विचाराधीन
संसद ने वर्मा पर दर्ज पुराने आपराधिक मामले का भी उल्लेख किया। उन्होंने लिखा है कि महिला से मारपीट और अभद्र भाषा प्रयोग का केस न्यायालय में लंबित था। इस केस में कोर्ट में फर्जी राजीनामा देने पर वर्ष 2021 में संतोष वर्मा की गिरफ्तारी हुई थी। उन्हें न्यायिक अभिरक्षा जेल में भेजा गया था। यह मामला अभी भी विचाराधीन है।इसके लिये बावजूद उनकी आईएएस में पदोन्नति कर दी गयी।
महिला सशक्तीकरण के खिलाफ मानसिकता
पत्र में कहा गया कि आईएएस की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री के महिला सशक्तीकरण अभियान के खिलाफ नकारात्मक मानसिकता को दिखाती है।
सांसद ने केंद्र से कीं ये 3 मांगें
विवादित टिप्पणी पर अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के तहत कार्रवाई हो।
अनुसूचित जनजाति वर्ग बताकर ली गई पदोन्नति की जांच हो।
गंभीर आपराधिक प्रकरणों के बावजूद हुई पदोन्नति की पुनः जांच की जाए।

 

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