LatestNewsमप्र छत्तीसगढ़राज्य

MP में 2028 के लिए बिछ रही नई बिसात, नए चेहरों के साथ बीजेपी के नए गुट

भोपाल. मध्य प्रदेश बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी और फिर इंदौर नगर कार्यकारिणी की हालिया घोषणा के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छिड गई है। ये बहस इस बात को लेकर है कि क्या मालवा की राजनीति में दशकों से चली आ रही ताई और भाई की राजनीति कमजोर पड रही है। क्या पार्टी अब नई पीढी को आगे बढा रही है।

बीजेपी में बदलाव के बाद असंतोष के सुर भी सुनाई दिए हैं, मगर नेतृत्व ने जैसे-तैसे डैमेज कंट्रोल कर लिया है। - Dainik Bhaskar
2028 विधानसभा चुनाव की नई लीडरशिप तैयार हो रही
दरअसल जब प्रदेश कार्यकारिणी में गौरव रणदिवे को जगह मिली तो कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान सुर्खियों में रहा। उन्होंने कहा कि मैं जो पौधा लगाता हूं उसे काटता नहीं हूं। जानकारों के अनुसार प्रदेश कार्यकारिणी में गौरव रणदिवे को शामिल करना इंदौर से एक नए पावर सेंटर की शुरूआत माना जा रहा है। इसके बाद जब इंदौर नगर कार्यकारिणी का ऐलान हुआ तो उसमें भी ताई और भाई गुट के चेहरे लगभग गायब थे। इस कार्यकारिणी में नए चेहरों को आगे बढाया गयज्ञ। इस बदलाव के बाद असंतोष के सुर भी सुनाई दिए। मगर बीजेपी ने जैसे-तैसे डैमेज कंट्रोल किया। ताई और भाई के गुट को तवज्जो न देकर नए गुटों के नेताओं को आगे बढाकर पार्टी क्या मैसेज देना चाहती है।
ताई-भाई के युग से हटकर युवाओं की नई खेमेबंदी
इंदौर की बीजेपी में दशकों तक सत्ता के दो ही केंद्र माने जाते रहे भाई यानी कैलाश विजयवर्गीय और ताई यानी सुमित्रा महाजन। संगठन से लेकर टिकट वितरण तक, हर फैसला इन्हीं दो ध्रुवों के इर्द-गिर्द घूमता था। लेकिन अब यह तस्वीर बदल रही है। एक नया युवा नेतृत्व आकार ले रहा है, जो इन दोनों के साये से बाहर अपनी पहचान बना रहा है। शहर की राजनीति में अब दो नए शक्ति केंद्र उभरते दिख रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *