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परमाणु परीक्षण के लिये कितनी तैयारी करनी होती है, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाक को लेकर दिया संकेत

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नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान, रूस, उत्तरकोरिया और चीन गुप्त रूप् से परमाणु परीक्षण कर रहे है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे आधार बनाकर अमेरिका को 33 वर्षो के बाद परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने का आदेश दिया है। उन्होंने पाकिस्तान पर सीधा इशारा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान दुनिया से छिपाकर परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। यह बातें हथियारों की होड़ का फिर से तेज करने का संकेत दे रही है। लेकिन यह सवाल कि परमाणु के लिये कितनी तैयारी लगती है।

पाकिस्तान अगर परमाणु परीक्षण करता है तो अमेरिका के लिए टेस्ट करने का रास्ता खुल जाएगा. (Photo: Representative/Pixabay)
क्या होता है परमाणु परीक्षण
परमाणु परीक्षण का मतलब है एक परमाणु बम को विस्फोट करके उसकी ताकत डिजाइन और असर को जांचना। यह परीक्षण ज्यादातर जमीन के नीचे (अंडरग्राउण्ड) होते हैं। ताकि धमाका छिपा रहे है पर्यावरण को कम नुकसान हो। पाकिस्तान ने आखिरी बार 1998 में चगई पहाडि़यों में 6 परमाणु परीक्षण किये थे ।तब से वह गुप्त परीक्षणों के शक में रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इशारा उसी की ओर है। क्या पाकिस्तान फिर से ऐसा कुछ कर रहा है।
पर्यावरण पर: रेडिएशन से कैंसर, जन्म दोष. 1998 में पाकिस्तान के परीक्षण से हजारों प्रभावित हुए.
अंतरराष्ट्रीय: अमेरिका-भारत जैसे देश प्रतिबंध लगा सकते. पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान.
क्षेत्रीय: भारत को मजबूर करेगा अपना टेस्ट करने के लिए, जो हथियारों की होड़ बढ़ाएगा.
ट्रंप का मकसद: अमेरिका को मजबूत दिखाना. लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं – ये कोल्ड वॉर जैसी दौड़ ला सकता है.
लम्बी तैयारी और खतरा बड़ा
परमाणु परीक्षण के लिये वैज्ञानिक तैयारी से लेकर गोपनीयता तक सब कुछ चाहिये। पाकिस्तान के पास क्षमता है। लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इशारा शायद दबाव बनाने का तरीका है। अगर पाकिस्तान सच में परीक्षण करे तो यह उसके लिये भी घातक साबित हो सकता है।

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