जिला प्रशासन-सहकारी समिति के बीच सुप्रीम कोर्ट में जीता प्रशासन, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स और अस्पताल तैयार होंगे

ग्वालियर. सिटीसेंटर स्थित 12.23 लाखस वर्गफीट बेशकीमती जमीन पर चल रहा 17 वर्षो पुराना विवाद समाप्त हो गया है। ग्वालियर जिला प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में भी केश जीत गया है। न्यायमूर्ति सतीशचंद्र शर्मा वाली युगलपीठ ने विशेष अनुमति याचिका खारिज कर प्रशासन के पक्ष में उच्च न्यायालय ग्वालियर के आदेश को बहाल रखा है। जिससे 12.23 लाख वर्गफीट (11.36 हेक्टर) जमीन अब सरकार की हो गयी है। यह विवेकानंद नीडम फोन पर स्थित है। इसका बाजार की कीमत 10 हजार रूपये प्रतिवर्गफीट से ज्यादा (लगभग 1223 करोड़) आंकी गयी है।
सहकारी समिति और जिला प्रशासन के बीच था विवाद
सिटी सेंटर में स्थित यह 11.36 हेक्टेयर जमीन अंकित गृह निर्माण सहकारी समिति और जिला प्रशासन के बीच विवादित थी। समिति ने यह जमीन उस व्यक्ति से खरीदी थी, जिसका नाम कभी खसरे में दर्ज रहा था। समिति के पक्ष में 2013 में आदेश हुआ था, जिसे प्रशासन ने चुनौती दी।
2019 में कोर्ट ने प्रशासन के पक्ष में फैसला देते हुए समिति की याचिका खारिज की। इसके खिलाफ समिति ने डबल बेंच में अपील की, लेकिन ग्वालियर हाईकोर्ट की जस्टिस आनंद पाठक की बेंच ने इस जमीन को सरकारी घोषित कर दिया।
समिति ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। 8 सितंबर 2025 को जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा- हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं मिला। याचिका खारिज की जाती है।

