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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पारंपरिक शमी पूजन किया, शमी वृक्ष से तलवार लगाते ही सरदारों ने लूटा सोना

ग्वालियर. विजयादशमी के मौके पर गुरूवार को सिंधिया राजघराने ने अपनी सदियों पुरानी परंपरा के साथ दशहरा उत्सव मनाया। राजघराने के मुखिया एवं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्यसिंधिया ने अपने पुत्र महानआर्यमन के साथ पारंपरिक राजसी वेशभूषा में दशहरा और शमी वृक्ष का पूजन किया।
सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता-पुत्र गोरखी स्थित देवघर पहुंचे और वहां राजसी चिन्हों का पूजन किया। इसके बाद मांढरे की माता मंदिर के सामने परिसर में आयोजित शमी पूजन में शामिल हुए। राज पुरोहित ने विधि-विधान के साथ शमी वृक्ष की पूजा संपन्न कराई।


शमी की पत्तियों को मराठा सरदारों ने लूटा
पूजन के दौरान जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शमी वृक्ष के पास पहुंचकर अपनी तलवार से प्रहार किया तो टूटकर गिरी शमी की पत्तियों को (सोनी की पत्तियां कहते हैं) को मराठा सरदारों ने परंपरा मुताबिक लूटा। यह नजारा वहां मौजूद श्रद्धालुओं और राजपरिवार समर्थकों के लिये अद्भुत क्षण रहा है। दरअसल, विजयादशमी के मौके पर शमी वृक्ष पूजन का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि महाभारतकाल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान अपने शस्त्र इसी वृक्ष में छिपाये थे। युद्ध के समय इन्हीं शस्त्रों से विजय प्राप्त की थी। तभी से दशहरे पर शमी पूजन और शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है।


प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
सिंधिया राजघराने की इस परंपरा का उद्देश्य राज परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज और प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करना है। इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर सहित प्रदेशवासियों को विजया दशमी की शुभकामनाएं दीं।

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