मप्र छत्तीसगढ़

दुर्लभ सफेद उल्लू के पंखों को साफ कर जंगल में छोड़ा उल्लू

सागर. शहर के शास्त्रीनगर स्थित शासकीय स्कूल कैम्पस में एक दुर्लभ सफेद उल्लू पाया गया। उसके दोनों पंखों में बबल गम और टेप चिपका हुआ था। जिस कारण से वह उड़ नहीं पा रहा था। शिक्षकों ने जब यह देखा तो तत्काल पक्षी प्रेमी शैलेन्द्र जैन को खबर दी। शैलेन्द्र जैन मौैके पर पहुंचे और रेस्क्यू कर उल्लू को पकड़ा और नजदीक से देखने पर पता चला कि उसके दोनों पंखों पर टेप और गोंद चिपका हुआ था। पंख चिपकने की वजह से पूरी तरह से असहाय हो गया था उड़ान भरने में सक्षम नहीं था।
उल्लू के पंखों की सफाई घर पर की
शैलेन्द्र उल्लू को अपने घर लेकर आये और उसके पंख साफ करने काकाम शुरू किया। शुरूआत में पानी और शैंपू से सफाई की, लेकिन गोंद नहीं निकला। इसके बाद हल्के केमीकल की सहायता से धीरे-धीरे पंख साफ किये गये। यह प्रक्रिया 2 दिन चली। आखिरकार पंख पूरी तरह साफ होने के बाद उल्लू फिर से उड़ने लायक हो गया है।
तांत्रिक क्रिया का शक
शैलेंद्र जैन ने आशंका जताई कि किसी ने अंधविश्वास या तांत्रिक क्रिया के लिए इस उल्लू को पकड़ा होगा। उन्होंने कहा- “दीपावली नजदीक है। ऐसे समय में तंत्र क्रिया करने वाले लोग सफेद उल्लू को पकड़कर उसके पंख, चोंच और नाखून का उपयोग करते हैं। संभव है कि किसी ने इसे पकड़ा और गोंद व टेप लगाया हो। बाद में यह स्कूल परिसर तक पहुंच गया।”
जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया
पंख ठीक होने पर उल्लू ने उड़ान भरनी शुरू कर दी। इसके बाद उसे सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ा गया। शैलेंद्र जैन ने कहा- “सफेद उल्लू बहुत दुर्लभ होता है। यह आसानी से नजर नहीं आता। इस पर तांत्रिकों की नजर हमेशा रहती है।”

 

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