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एमपी हाईकोर्ट में अवकाश के दिन बैठी 8 बैंच, 600 केसों की सुनवाई की, 350 निर्णय हुए

जबलपुर हाईकोर्ट में आज 10 जजों की बेंच बैठेंगी। - Dainik Bhaskar

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में शनिवार 20 सितम्बर को अवकाश के दिन एक साथ 8 बेंच बैठेंगी। यह बेंच सुबह 10.30 से लंबित जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। यह पहली बार है जब एक साथ 8 न्यायालय सुनवाई करने जा रही है। ऐसा माना जा रहा हैकि एक न्यायालय में पास कम से कम 100 जमानत याचिका से जुड़े केस होंगे। यानी 8 बेंच एक दिन में एक हजार याचिकाओं को सुनेगी।


छरअसल, हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष डीके जैन और सचिव परितोष त्रिवेदी ने कुछ दिन पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा से मुलाकात की थी। उन्हें एक मांग पत्र सौंपा था जिसमें लंबित मामलों की सुनवाई के लिये विशेष पहल करने का आग्रह किया था। चीफ जस्टिस ने बार एसोसियेशन की मांगों को सुनने के बाद निर्णय लिया कि अवकाश के दिन 10 बेंच लंबित जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
बार एसोसियेशन के सचिव परितोष त्रिवेदी ने बताया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ चीफ जस्टिस से लगातार मांग कर रहा था। हमारा कहना है कि जमानत याचिकाओं समेत कई अहम मामले लम्बे समय से सुनवाई के लिये अटके। जिससे जेल में कैदियों की संख्या बढ़ ही रही है। लंम्बित मामले भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।
बुधवार से बढ़ाई गयी थी 3 रेगुलर बेंच
हाईकोर्ट में बढ़ती याचिकाओं को देखते हुए 17 सितम्बर से जमानत याचिकाओं की सुनवाई करने वाली एक और बेंच बढ़ा दी थी। पहले 3 बेंच सुनवाई करती थी। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की पहल पर 10 बेंच एक साथ जमानता याचिकाओं के लंम्बित प्रकरणों की सुनवाई का फैसला लिया गया था। प्रत्येक जज के समक्ष 100 केस रखना तय हुआ था। बार एसोसियेशन ने उम्मीद जताई थी कि अगले सप्ताह तक जमानत के सभी केसों का समाधान हो जायेगा। नये सिरे से केसों की सुनवाई होगी।
31 दिसंबर तक 50 छुट्टियां रहेंगी
हाईकोर्ट बार के सचिव परितोष त्रिवेदी ने बताया कि आने वाले समय में बहुत छुट्टियां है। पहले दशहरा में एक सप्ताह की छुट्टी, फिर दीपावली भी एक सप्ताह कोर्ट बंद और भी अन्य त्योहार है। 31 दिसंबर तक 50 से अधिक छुट्टी है। ज्यादातर मामले जमानत के रहे। परितोष त्रिवेदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि न्याय तुंरत मिलें, क्योंकि 2, 3 माह बाद जेल से छूटता है, तो वह न्याय नहीं कहलाता है। उन्होंने बताया कि ये पहला अवसर है, जब छुट्टी के दिन 8 बेंचों ने सुनवाई की है।

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