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सहायक खनिज अधिकारी की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, कहा- वह ग्वालियर छोड़ना नहीं चाहते, ट्रांसफर आदेश कमी नहीं

ग्वालियर. हाईकोर्ट ग्वालियर की एकलपीठ ने सहायक खनिज अधिकारी राजेश गंगेले के ट्रांसफर आदेश के खिलाफ लगी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्त्ता ने ट्रांसफर आदेश को दुर्भावनापूर्ण बताया था। लेकिन न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा है कि ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। न्यायालय ने टिप्पणी की है कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह ग्वालियर छोड़ना नहीं चाहते हैं। इस याचिका के अलावा न्यायालय ने सहायक खनिज अधिकारी गंगेले के पक्ष में दिये गये अंतरिम आदेश को भी निरस्त कर दिया है।
3 वर्ष का कार्यकाल भी किया पूर्ण
न्यायालय ने माना है कि गंगेले का श्योपुर में उच्च पद पर ट्रांसफर किया गया है। ट्रांसफर प्रशासनिक है। उन्हें अक्टूबर 2022 में ग्वालियर में पदस्थ किये थे। वह 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके है। ऐसे में अब यह नहीं कहा जा सकता है कि अल्प समय में ट्रांसफर किया है। मंत्री के अनुमोदन के बाद मुख्यमंत्री के द्वारा ट्रांसफर किया गया है। इसलिये हस्तक्षेप का मामला नहीं बनता है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनन के बाद राजेश गंगेले की दोनों याचिकायें खारिज कर दी है। उनकी एक याचिका 2024 से लंबित थी। उन्होंने तब भी एक स्थानान्तरण के आदेश के खिलाफ दायर की थी।
17 जून को श्योपुर हुआ था तबादला
दरअसल, ग्वालियर के सहायक खनिज अधिकारी राजेश कुमार गंगेले का 17 जून 2025 को श्योपुर के जिला खनिज अधिकारी पद पर स्थानांतरण किया गया है। अपने ट्रांसफर आदेश को राजेश कुमार गंगेले ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। तर्क था कि उनका ट्रांसफर दुर्भावनापूर्ण से किया गया है। इसमें न तो हाईकोर्ट के एक आदेश को देखा गया बल्कि उस आदेश की अनदेखी की गई है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। सहायक खनिज अधिकारी की याचिका का शासन की ओर से पुरजोर विरोध किया गया है।

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