मुरार नदी में साफ पानी दोनों पेड़ों से तैयार होगा मॉर्निंग वॉक ट्रैक

ग्वालियर. मुरार नदी में साफ बहने से नदी जिन्दा हो उठी है। उसका 40 वर्ष पुराना वैभव एक किमी के दायरे में दिखाई देने लगा है। यह सब 2 माह पहले शहरवासियों के श्रमदान के चलते दिखाई दे रहा है। मुरार नदी का काम ठीक ढंग से किया जा सके। इसके लिये पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल अपनी टीम के साथ मौके पर खड़े दिखाई देते है। एक किलोमीटर के एरिया में नदी के दोनों ओर मिट्टी की कच्ची सड़क बनाई गयी है। नदी दोनों तरफ के किनारों पर एक हजार पौधे लगाये है। आने वाले समय में सिरोल की ओर अधिक से अधिक पौधरोपण किया जाये। मैली मुरार नदी की सफाई के लिये पूर्व विधायक की पहल पर चलाये गये श्रमदान कार्यक्रम में हर वर्ग के लोगों ने चढ़चढकर भागीदार की है। उनका कहना है कि सिरोल रोड की पुलिया पर दोनों तरफ लगाई गयी है। इससे पॉथीलिन आदि को रोका जा रहा है। नदी को सुरक्षित बनाये रखने के लिये तार फैंसिग कर गेट लगाया है।
साफ पानी रमौआ बांध की ओर से आ रहा है
रमौआ बांध से साफ पानी नदी में बहता आ रहा है। यहां अधिक बसाहट नहीं होने से मर्सी होम तक पानी साफ रहता है। सिरोल के आसपास कॉलोनी का पानी इसमें मिल जाता है। उसे रोकने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। यहां के बाद नदी अपने स्वरूप में श्रमदान करने वालों की वजह से दिखाई दे रहे है। अब तो लोग नदी को देखने के लिये भी आ रहे हैं।
नदी को जानें- कहां से निकली है और कहां जाती है
मुरार नदी वैशाली की सहायक नदी कही जाती है। इसका उद्गगम सातऊं की पहाड़ियों से होता है। ये मुरार छावनी के उत्तर पश्चिम दिशा में बहती है। नदी पर 3 बांध हैं। पहला कछाई नौनेरा गांव की सीमा पर, दूसरा जडे़रूआ गांव में और तीसरा बांध गुठीना गांव में है।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट से जुड़ा
केंद्र सरकार के नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत मुरार नदी में जीर्णोद्वार का काम शुरू हुआ है। यह इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है। रमौआ और जड़ेरूआ बांध तक नदी के दोनों तरफ सड़क, घाट, दीवार आदि बनाए जाएंगे। इस पर 26 करोड़ रुपए की राशि खर्च हो रही है।
हमारा प्रयास है ग्रीन कॉरिडोर बने
पूर्व विधायक ने कहा है कि सरकारी जमीन पर रखे पत्थर और कचरे को हटा कर दोनों ओर पेड़ लगाये गये है। पहले जलस्तर 8 से 10 फीट था अब नदी के आसपास महज 1 से 2 फीट तक है। अगले साल तक नदी के दोनों मॉर्निंग वॉक ट्रैक बनकर तैयार हो जायेगां और पेड भी बड़े हों जायेंगे। सरकारी जमीन लगभग 18सौ मीटर के आसपास है।
मुन्नालाल गोयल, पूर्व विधायक

