हिंदूवादी नेताओं पर हमला करना चाहते थे HUT सदस्य, NIA की पूछताछ में खुलासा
भोपाल. भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना के हैदराबाद से गिरफ्तार हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े कट्टरपंथी देश में एक साथ हिंदूवादी नेताओं पर हमला, धार्मिकस्थलों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर विस्फोट करना चाहते थे। मकसद था खौफ पैदा करना। संगठन से नए मुस्लिम युवकों को जोड़ने, विस्फोटक, हथियार इकट्ठे करने और संगठन के लिए चंदा जुटाने का काम कर रहे थे।यह खुलासा HUT से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए शाहजहांनाबाद (भोपाल) के यासिर खान ने ATS और NIA की पूछताछ में किया है। यासिर के बयानों को क्रॉस चेक करने NIA ने मोहम्मद सलीम, अब्दुर रहमान, शेख जुनैद और मोहम्मद अब्बास को 7 जून को रिमांड पर लिया था, जिन्हें 10 जून को रिमांड पूरी होने पर केंद्रीय जेल भोपाल भेज दिया गया। यासिर खान मप्र में HUT की इस तंजीम (संगठन) के लिए बतौर स्टेट हेड काम करता था। NIA और MP ATS ने यासिर और उसके 6 साथियों को कोहेफिजा स्थित मिलेनियम हैबीटेट अपार्टमेंट (भोपाल) में संचालित एक कोचिंग में छापामार कार्रवाई कर 9 मई को गिरफ्तार किया था। यासिर ने पूछताछ में अफसरों को बताया कि वह साल 2022 में HUT के ऑल स्टेट हेड की मीटिंग में शामिल हुआ था।
ISIS, अलकायदा और तालिबानी तरीके से फैलाना चाहते थे दहशत
NIA और MP ATS सूत्रों ने बताया कि बीते साल हैदराबाद में हिज्ब-उत-तहरीर तंजीम के स्टेट हेड्स की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग को मोहम्मद सलीम ने लीड किया था। मीटिंग में मोहम्मद अब्बास, शेख जुनैद, अब्दुर रहमान, मोहम्मद हमीद , सलमान और मप्र की HUT तंजीम का हेड यासिर खान शामिल हुए था। हैदराबाद में हुई इस मीटिंग में कट्टरपंथी आतंकियों ने एजेंडा तय किया था कि भारत में ISIS, अलकायदा और तालीबानी तरीके से इस्लाम विरोधियों में खौफ पैदा किया जाए। तब से ही मीटिंग में शामिल तंजीम के सभी एक्टिव मेंबर संगठन का विस्तार करने नए मुस्लिम युवकों को जोड़ने देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में जुटे हुए थे। उल्लेखनीय है मोहम्मद सलीम का संगठन से जुड़ने से पहले नाम सौरभ राज वैद्य था।
मुस्लिम युवकों को भड़काकर अपना मकसद पूरा करना चाहते थे
NIA और MP ATS के सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में इनके बीच तय हुआ था कि अब ISIS, अल-कायदा और तालिबानी तरीके से काफिरों (गैर हिंदुओं) में खौफ पैदा करना होगा। इसके लिए सभी स्टेट कमेटी को अपने-अपने क्षेत्र में मुस्लिम नवयुवक को तंजीम से जोड़कर उन्हें हिंदुओं के विरुद्ध भड़काकर जिहाद के लिए तैयार करने को कहा गया था। विस्फोट, हथियार जमा करने, तंजीम के लिए चंदा इकठ्ठा करने और तैयारी होने के बाद एक साथ हिंदूवादी नेताओं पर हमले और उनके धार्मिकस्थलों पर विस्फोट कर खौफ पैदा करना मकसद था। इनका इरादा था कि इससे अन्य मुस्लिम देशों में मैसेज जाएगा और बाहर से भी उन्हें समर्थन मिलेगा।

