मप्र में ई-टेंडरिंग मामले में सीबीडीटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई तो तीन मंत्रियों पर गिर सकती है गाज
भोपाल. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट को लेकर कार्रवाई आगे बढ़ी तो शिवराज मंत्रिमंडल के तीन सदस्यों पर भी गाज गिर सकती है। रिपोर्ट में 4 पुलिस अधिकारियों, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कई कांग्रेसियों के नाम होने के साथ शिवराज सरकार में मंत्री राजवर्धन दत्तीगांव, बिसाहूलाल सिंह और प्रद्युम्न सिंह तोमर के नाम भी है, इससे ही सरकार पसोपेश में है। कांग्रेस भी इसी तैयारी में है कि कार्रवाई आगे बढ़े और वह इन लोगों के नाम को लेकर हमलावर हो। इसी कारण करीब एक महीने बाद भी मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने सिर्फ प्राथमिकी दर्ज की है। राज्य सरकार भी बहुत सावधानी से आगे बढ़ रही है।
कमलनाथ सरकार के दौरान पड़े आयकर छापों पर एक महीने बाद भी असरदार कार्रवाई नहीं हो पाने की कई वजह है। पहली पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में अपने वरिष्ठ वकीलों के साथ विचार कर आयकर छापों की पुरानी कार्रवाई को आधार बनाने का फैसला किया है।
ई-टेंडरिंग के मामले में कांग्रेस गृहमंत्री नरोत्तम को घेरने की तैयारी में
पार्टी नेताओं के अनुसार सीबीडीटी की रिपोर्ट पर राज्य सरकार एकतरफा कार्रवाई कर कमलनाथ, दिग्विजय सिंह या उनसे जुड़े लोगों को निशाना बनाती है तो कांग्रेस भाजपा सरकार के पुराने मामलों को उठाएगी। ऐसे मामलों में 2008 में हुआ स्वास्थ्य विभाग का घोटाला है जिसमें तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक डॉ. योगीराज शर्मा और मंत्री अजय विश्नोई के यहां आयकर छापे पड़े थे और उसकी अप्रेजल रिपोर्ट को कांग्रेस अदालत में चुनौती देने का आधार बनाएगी। इसके अलावा भाजपा से जुड़े एक बड़े कारोबारी के यहां पड़े आयकर छापे की रिपोर्ट का भी कांग्रेस अध्ययन करवा रही है। ई-टेंडरिंग के मामले में कांग्रेस गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को घेरने की तैयारी में है।