Newsमप्र छत्तीसगढ़

हमें अपने कर्तव्यों का बोध होना चाहिए: कुलगुरु

जेयू में संविधान दिवस पर भाषण एवं पोस्टर प्रतियोगिता हुई, ली शपथ
ग्वालियर। हमें अपने कर्तव्यों का बोध होना चाहिए। नागरिकों को कर्तव्यों का बोध होने के कारण संविधान की सफलता में कठिनाईयां ज्यादा है। इसलिए छात्रों को अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार और सजक रहें। यह बात जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजकुमार आचार्य ने गुरुवार को राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन अध्ययनशाला एवं नोडल भारतीय ज्ञान परंपरा के संयुक्त तत्वावधान में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन में कही।
मुख्य वक्ता महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय स्वशासी महाविद्यालय प्रो. नीरज झा एवं कार्यक्रम संयोजक विभागाध्यक्ष डॉ. शांतिदेव सिसोदिया थे। मुख्य वक्ता प्रो. नीरज झा ने नागरिक कर्तव्य के महत्व को समझाते हुए कहा, कोई भी देश संविधान की किताब से नहीं बल्कि संविधान के प्रति नागरिकों के समर्पण भाव से चलता है। एक जीवंत संविधान सफल संविधान होता है और इसे बनाए रखना नागरिकों की नैतिक और मानवीय होना बहुत जरूरी है। कुलगुरु डॉ. राजकुमार आचार्य ने बाबा साहब डॉ. अंबेडकर का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने कभी भी अपनी नीतिगत सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। साथ ही प्रलोभन को त्यागकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन किया। कुलगुरु ने छात्र छात्राएं एवं शिक्षकों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर भाषण एवं पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम मानषी तोमर, द्वितीय तनुश्री मंडेरिया एवं तृतीय स्थान पर आकाश कुमार रहे। संचालन विभागाध्यक्ष डॉ. शांतिदेव सिसोदिया ने किया। कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र सिंह सिकरवार, डॉ. दीप्ति राठौर, डॉ. आनंद कुशवाह, डॉ. रेनू गर्ग, डॉ. मुक्ता जैन, डॉ. अमित यादव, डॉ. आशी जैन, राहुल कुमार, राहुल बरैया, पूर्णिमा यादव आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *