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खेतों में पराली जलाने पर घट जाती है उर्वरा शक्ति  स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग कर किसान भाई कर सकते हैं पराली प्रबंधन 

ग्वालियर – कृषि विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है कि पराली एवं फसलों के अवशेष जलाने से खेतों की उर्वरता घट जाती है। साथ ही पराली जलाने से अग्नि दुर्घटनायें होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। इस बात को ध्यान में रखकर ग्वालियर जिले में सरकार की मंशा के अनुरूप कम्बाइन हार्वेस्टर पर एसएमएस (स्ट्रा-मैनेजमेंट सिस्टम) को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा एसएमएस पर 59 हजार 700 रूपए का अनुदान दिया जाता है।
यह सिस्टम कम्बाइन हार्वेस्टर सिस्टम से फसल कटाई के साथ-साथ बचे हुए अवशेषों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर खेत में बिखेर देता है, जिससे पराली प्रबंधन के साथ-साथ खेतों की उर्वरता भी बढ़ जाती है।  ज्ञात हो खेतो में पराली जलाना कानून अपराध है। पराली जलाने वालों को कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा देने का प्रावधान है।
सहायक कृषि यंत्री कर्मशाला से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लेने के इच्छुक किसान भाई ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र के साथ कम्बाईन हार्वस्टर की आरसी, खतौनी (बी-1) एवं जिले के सहायक यंत्री के नाम 3500 रूपए का ड्राफ्ट संलग्न करना होगा। विस्तृत जानकारी के लिये कृषि अभियांत्रिकी कार्यालय (कर्मशाला) में संपर्क किया जा सकता है।

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