विधायक दल की बैठक में सिधिंया को मिले थे 18 वोट, इसलिए कमलनाथ बने सीएम- कांग्रेस नेता केके मिश्रा
भोपाल. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिंया को लेकर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जनादेश मिलने के बाद सिंधिया इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे, क्योंकि विधायक दल की बैठक में उन्हें 114 में से मात्र 18 वोट मिले थे। केके मिश्रा का यह खुलासा सिंधिया समर्थक मंत्री सरेश धाकड़ के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा है कि कुर्सी ‘महाराज’ के साथ-साथ चलती है।
लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ ने मंगलवार को सिंधिया को लेकर एक बयान दिया। उन्होंने खुद को सिंधिया के नौकर और चपरासी की संज्ञा देते हुए कहा, सिंधिया जी कुर्सी के साथ नहीं चलते बल्कि कुर्सी सिंधिया जी के साथ चलती है।’ धाकड़ के इस बयान को आधार बनाकर कांग्रेस कह रही है कि सिंधिया को सिर्फ कुर्सी का मोह रहा है।
सिंधिया ने मुख्यमंत्री बनने का पेश किया था दावा
केके मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता मिलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश किया था। इस पर विधायक दल की बैठक में वोटिंग कराई गई। कमलनाथ को 96 और सिंधिया को 18 विधायकों ने वोट किया था। उन्होंने दावा किया है कि मात्र 18 वोट मिलने के बाद भी सिंधिया को उप मुख्यमंत्री का पद ऑफर किया गया था।
मालवा में जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं सिंधिया
सिंधिया को लेकर बयानबाजी उस समय हो रही है, जब वे मालवा क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मध्यप्रदेश में सिंधिया के अलावा सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक और कानून व विधि राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल अलग-अलग क्षेत्रों में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। सिंधिया ने यह यात्रा मंगलवार को देवास से शुरू की। इसका 19 अगस्त को इंदौर में समापन होगा।