जीवाजी विश्वविद्यालय में नर्सिंग फर्जीबाड़ा में अब रिटायर न्यायाधीश, आईएएस व आईपीएस जांच करेंगे
ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग फायनल ईयर के टेबूलेशन चार्टों में हेर-फेर कर सैकड़ों छात्रों को फेल से पास करने का फर्जीबाड़ा जांच अब नए सिरे से होगी। इस बार सेवानिवृत जिला सत्र न्यायाधीश, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के हाथ में जांच सौंपी गई है। यह नई जांच कमेटी कुलपति ने गठित की है जिसकी सूचना राजभवन भेजी गई है।
बाहरी व्यक्ति के जरिए छात्रों से लेनदेन करके फेल से पास कराया
उच्च स्तरीय जांच कमेटी में सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव शर्मा, सेवानिवृत आईएएस आरके जैन, सेवानिवृत आईपीएस हरीसिंह यादव को रखा है। नर्सिंग कांड में जिन भी अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है और परीक्षा व गोपनीय विभाग के जिन कर्मचरियों को निलंबित किया है उनकी विभागीय जांच यह कमेटी ही करेगी। इस दौरान कड़ी से कड़ी जोड़कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी कि किस अधिकारी और कर्मचारियों की रर्सिंग फर्जीबाड़ा में कितनी भूमिका रही है। किस बाहरी व्यक्ति के जरिए छात्रों से लेनदेन करके उन्हें फेल से पास कराया गया और इसकी बिंदु पर भी यह जांच कमेटी गहराई से पड़ताल कर सकती है। जेयू के मिली जानकारी के अनुसार राजभवन के मिले निर्देश पर कुलपति ने नर्सिंग फर्जीबाड़ा के लिए यह जांच कमेटी कुलपति ने गठित की है। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। नर्सिंग कांड से जुड़े रिकॉर्ड को भी तलब कर लिया है।