ई-टेंडर घोटाला-हैदराबाद में मैनेजर आदित्य त्रिपाठी सहित श्रीनिवास राजू मेंटाना गिरफ्तार
भोपाल. मप्र के ई-टेण्डरिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी के चैयरमैन श्रीनिवास राजू व उसके सहयोग (सब कांट्रेक्टर) आदित्य त्रिपाठी को हैदराबाद में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने दोनों को विशेष अदालत में पेश किया, अदालत ने दोनों को 3 फरवरी तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मेंटाना कंपनी पर मप्र सरकार के ठेकों में ऑनलाइन टेंपरिंग कर कई कंपनियों को लाभ पहुंचाने और मनी लॉडिंªग का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि श्रीनिवास राजू के तार मप्र के पूर्व मुख्यसचिव एम गोपाल रेड्डी से जुड़ने की वजह से ईडी पहले पूछताछ कर चुकी है।
आपको बता दें कि ईडी की टीम ने 7 जनवरी को गोपाल रेड्डी के हैदराबाद स्थित आवास सहित 16 ठिकानों पर छापेमारी कर दस्तावेजों की छानबीन की थी। इसी दिन श्रीनिवास राजू से भी पूछताछ करने के अलावा ईडी की टीम ने ई-टेण्डर का सॉफ्टवेयर डवलप करने वाली बेंगलुरू की अंट्रेस सॉफ्टवेयर कंपनी के यहां भी सर्चिंग की थी और दूसरी ओर ईडी की दूसरी टीम ने भोपाल में मेंटाना कंपनी के ठिकाने तथा ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड के संचालक विनय चौधरी, अरूण चतुर्वेदी और सुमित गोलवलकर के यहां भी सर्चिंग की थी। आपको बता दें कि इस मामले में मप्र ईओडब्ल्यू द्वारा अप्रैल 2018 में दर्ज की गयी एफआईआर दर्ज की थी इसके आधार पर ईडी ने मनी लॉड्रिंग का प्रकरण दर्ज किया था।
क्या है पूरा मामला
मप्र का ई-टेंडरिंग घोटाला अप्रैल 2018 में उस वक्त सामने आया थ जब जल निगम की 3 निविदाओं को खोलते समय कम्प्यूटर ने एक संदेश डिस्प्ले किया था। इससे पता चला कि निविदाओं में टेम्परिंग की जा रही है। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर इसकी जांच मप्र के ईओडब्ल्यू को सौंपी गयी थी। प्रारंभिक जांच में पाया गया था कि जीवीपीआर इंजीनियर्स और अन्य कंपनियों ने जल निगम के 3 टेण्डरों में बोली की कीमत 1769 करोड़ का बदलाव कर दिया था। ई-टेण्डरिंग को लेकर ईओडब्ल्यू ने कई कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी।
ईडी ने 16 जगहों पर मारा था छापा
दरअसल, ईडी ने जब्त किये दस्तावेजों के आधार पर लगता है कि जो कंपनियों ई-टेण्डरिंग घोटाले में शामिल थी, उन्हें कुछ समय बाद बड़े स्तर पर भुगतान किये गये थे। अब ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या इन कंपनियों ने इन भुगतान के एवज में कुछ प्रभावशाली लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाया। इसलिये ईडी इन कंपनियों के खातों से भुगतान पाने वाले कई लोगों के बैंक खातों की भी जानकारी जुटा रही है ईडी ने 7 जनवरी को इसी सिलसिले में भोपाल, हैदराबाद और बेंगलुरू समेत 16 ठिकानों पर छापे मारे थे।
ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन के 3 डायरेक्टर को ईओडब्ल्यू ने किया था गिरफ्तार
इस मामले मे मप्र की आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड के 3 डायरेक्टर विनय चौधरी, वरूण चतुर्वेदी और सुमित गोलवलकर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी डिजीटल सिग्नेचर तैयार कर अपने कस्टमर कंपनी को मप्र के अधिकारियों की मिलीभगत से ई-टेण्डर में बिडिंग कराकर काम दिलाया था। ऐसा माना जा रहा है कि ईडी की टीम जल्द ही जेल मेंबन्द ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड के तीनों डायरेक्टरर्स से पूछताछ कर सकती है।