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अप्रैल 2012 के बाद बनाये अवैध मकान तोड़ें जायेंगे-हाईकोर्ट

ग्वालियर. जमीन की खरीद-फरोख्त के व्यापार का एक और गंभीर मामला सामने आया है। गिरवाई क्षेत्र के गोल पहाडि़या के पास 7 बीघा जमीन पर न्यायालय का ‘‘स्टे’’ होने के बावजूद माफिया ने सांठ-गांठ कर 48 से ज्यादा प्लॉट काटकर लोगों को बेच दिया। इस जमीन पर जयश्रीराम कॉलोनी बसाई गयी है। जहां अभी 100 से अधिक मकान बन चुके हैं।
फरियादी ने इस संबंध में कलेक्टर और निगमायुक्त को शिकायत की। न्यायालय के आदेशों के पालन के लिये भी गुहार लगाई है। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। आखिरकार पीउि़त पक्ष को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ास।
अवैध मकान टूटेंगे-हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान जब न्यायालय को बताया गया है कि स्टे के बावजूद भूमि पर 100 से ज्यादा मकान खड़े हो चुके हैं। अदालत ने मौखिक टिप्पणी की है कि जो भी मकान विधि के विरू द्ध बनाये गये है। वह सभी टूटेंगे। रजिस्ट्रार अशोक शर्मा ने अभी तक 48 रजिस्ट्रियों की जानकारी न्यायालय को दी है। जो 16 अप्रैल 2012 के बाद की है। अगली सुनवाई से पहले शेष रजिस्ट्रियों की जानकारी शपथ-पत्र के साथ देने के निर्देश दिये गये है।
कहां है विवादित जमीन?
जय श्रीराम कॉलोनी,गोल पहाड़िया (एबी रोड) है।
पटवारी हल्का नंबर 41/1, ग्राम कोटा लश्कर
सर्वे क्रमांक: 1190–1197, 1205–1207, 1230, 1232–1236
कुल भूमि: 7 बीघा 14 बिस्वा
विवाद की पूरी कहानी: दावा, आदेश और कोर्ट की रोक
तीन मुख्य पक्ष है: हरप्रसाद, शरद कुमार सिंह, मनीष कुमार सिंह
19 जून 2006: हरप्रसाद ने दावा पेश किया, खुद को 7 बीघा 14 बिस्वा भूमि का भूमिस्वामी बताया।
16 अप्रैल 2012: न्यायाधीश लक्ष्मी शर्मा ने हरप्रसाद के पक्ष में फैसला दिया।
इसके खिलाफ मनीष कुमार आदि ने हाई कोर्ट में फर्स्ट अपील दायर की।
हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
हरप्रसाद ने आवेदन देकर बताया कि स्टे के बावजूद जमीन की बिक्री और निर्माण जारी है।
24 जुलाई 2012: हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
22 नवंबर 2017: कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट दी, 62 नए निर्माण मिले, 23 प्लॉट खाली। इनमें से 7 प्लॉट पर बाउंड्रीवॉल और चौखट तक लगा दी गई थी।

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