सेवानिवृत्त SDO को मिलेगी रोकी गयी ग्रेच्युटी, पेंशन नियम लागू होने से पूर्व सेवानिचृत्त हुए कर्मचारी का आदेश किया रद्द
ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच की एकल पीठ ने जल संसाधन विभाग से सेवानिवृत्त सहायक यंत्री मुन्नीलाल साहू को बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा रोकी गयी उनकी ग्रेच्युटी जारी करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति अशीष श्रोती की एकलपीठ ने कहा है कि विभाग ने संशोधित नियम लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी पर नया नियम लागू कर गलती की है। न्यायालय के अनुसार पेंशन के नये नियम लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आयेंगे। याचिकाकर्ता ग्वालियर निवासी मुन्नीलाल साहू 31 जुलाई को 2022 को सेवानिवृत्त हुए थे। जल संसाधन विभाग ने उनके खिलाु भ्रष्टाचार के आरोप में आपराधिक प्रकरण लंबित होने की वजह से उनकी पूरी ग्रेच्युटी रोक ली थी। विभाग ने ग्रेच्युटी रोकने का आधार पेंशन नियम 64सी को बनाया था। हालांकि, यह प्रावधान 19 मई 2023 को संशोधित हुआ था। जबकि साहू उससे पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके थे।
ग्रेच्युटी रोके जाने के खिलाफ साहू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अधिवक्ता डीपी सिंह ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता नियम लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए थे, इसलिए उन पर नया नियम लागू करना गलत है। राज्य शासन ने याचिका का विरोध किया। अदालत ने कहा कि संशोधित नियम का प्रभाव पूर्ववर्ती मामलों पर नहीं डाला जा सकता। इसलिए मुन्नीलाल साहू के मामले में पुराने नियम 64 के तहत निर्णय लिया जाए। कोर्ट ने 7 अप्रैल 2022 के आदेश को निरस्त करते हुए विभाग को 90 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी भुगतान पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

