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MMC. जोन की हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

पुनर्वास से पुनर्जीवन की ओर एक कदम
भोपाल- मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति पर अमल के उत्साहजनक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। लगातार नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने या कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी जा रही थी। इसी के परिणामस्वरूप, बालाघाट जिले में 1 नवंबर 2025 को एक हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है।थाना लांजी के चौरिया कैम्प अंतर्गत महिला नक्सली सुनीता पिता बिसरू ओयाम, निवासी गोमवेटा, तहसील भैरमगढ़, जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़) ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और भारत के संविधान पर विश्वास जताते हुए जिला पुलिस बालाघाट के समक्ष अपने हथियार इंसास राइफल, 3 मैगज़ीन, 30 जिंदा राउंड एवं UBGL शेल के साथ आत्मसमर्पण किया।
नक्सली सुनीता मलाजखंड दर्रेकसा दलम में एसीएम थी और मध्यप्रदेश, गोंदिया एवं राजनांदगांव (GRB) डिविजन में सक्रिय थी। उसके विरुद्ध छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुनीता वर्ष 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी तथा छत्तीसगढ़ के माड़ क्षेत्र में 6 माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सीसी सदस्य रामदेर की गार्ड के रूप में कार्यरत रही। यह पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के अंतर्गत पहला आत्मसमर्पण है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1992 के बाद यह पहली बार है जब किसी अन्य राज्य की सशस्त्र नक्सली कैडर ने आत्मसमर्पण किया है। पिछले 10 महीनों में मध्य प्रदेश में 1.46 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों को या तो निष्क्रिय किया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस आउटरीच प्रोग्राम का परिणाम है कि नक्सली सुनीता ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया। पुलिस आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के प्रावधानों के अंतर्गत सशस्त्र आंदोलन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आने वालों को सभी लाभ दिलाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

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