बालाजी गार्डन सरकारी जगह पर बना है-हाईकोर्ट
ग्वालियर. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने बालाजी गार्डन की जमीन को सरकाराी घोषित किया गया है। न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालियार ने अपने फैसले में कहा है कि केवल खसरा पंचशाला 5 साल का खबरा या म्यूटेशन एंट्री -नामांतरण के आधार पर स्वामित्व साबित नहीं किया जा सकता है। यह प्रविष्टियां केवल राजस्व वसूली के लिये होती है। स्वामित्व के लिये नहीं। अपीलार्थी ने यह प्रमाणित नहीं किया कि भूमि पर उनके अधिकार मध्यप्रदेश भूमि राजस्व संहिता लागू होने से पूर्व मौजूद थे।
बालाजी गार्डन सरकारी जमीन पर बना
यह मामला 2012 में याचिकाकर्त्ता हरचरण और अन्य द्वारा जिला न्यायालय में दायर एक वाद से संबंधित है। उन्होंने गोसपुरा, तहसील ग्वालियर स्थित सर्वे नम्बर 1914, 1915/2, 1918/2 बार 1937/1 की कुल 0.836 हेक्टर भूमि पर अपने स्वामित्व का दावा किया था। जिस पर बालाजी गार्डन संचालित हैं याचिकाकत्ता्र का तर्क था कि यह भूमि कभी सरकारी नहीं रही और उनके पूर्वजों के कब्जे में थी। वहीं, राज्य शासन ने अपने जवाब में कहा था कि कुल भूमि में से 0.407हेक्टर शासकीय है। जबकि 0.429 हेक्टर निजी स्वामित्व में आती है। शासन के मुताबिक बालाजी गार्डन का निर्माण सहकारी भूमि पर किया गया है और पार्किंग के लिये अतिक्रमण किया गया है।