ग्वालियर में सातवें दिन जूड़ा की हड़ताल खत्म, अध्यक्ष बोले हमारी मांगे मान ली गई
ग्वालियर. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल सातवें दिन टूट गई है, जूड़ा के जिलाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा का कहना है कि हमारी मांगों को मान लिया गया है अब हाईकोर्ट के सम्मान और परेशान हो रहे मरीजों के लिए हम काम पर वापस लौट रहे है। डॉ. भरत बाथम ने बताया कि राज्य सरकार की ओर मंत्री विश्वास सारंग ने मुख्य मांग स्टायफंड को बढ़ाने को लेकर 17 प्रतिशत बढ़ाने पर सहमति हो गयी है। हमें इसके आदेश शाम तक मिल जायेंगे। इसके बाद हम 3 बजे डीन का अपना ज्वाइनिंग लेटर सौंप देंगे और विभागों में अपना सेवायें देना प्रारंभ कर देंगे। हालांकि इस फैसले से सभी जूनियर डॉक्टर खुश नहीं है। सोमवार की दोपहर को जबलपुर हाईकोर्ट में इस पूरे मामले की सुनवाई है। जूड़ा के हड़ताल वापसी की घोषणा से एक दिन पहले रविवार को 46 सीनियर रेजीडेंस ने भी काम पर लौटना शुरू कर दिया था। हड़ताल वापिसी के मौके पर जूडो के उपाध्यक्ष डॉ. आशीष सारस्वत, डॉ. राजूसिंह सिलावट, डॉ. अरूण कुशवाह, डॉ. प्रशांत कुशवाह, डॉ. स्वाती, डॉ. अंकिता त्रिपाठी, डॉ. सुरभि चेतवार और डॉ. चैरी आदि लोग उपस्थित रहें।
वहीं जूड़ा के समर्थन पर उतरने में इन 46 सीनियर रेजीडेंट को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया था। ऐसा माना जा रहा है कि रविवार शाम के बाद ही हड़ताल वापसी की योजना बन गई थी। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जिन सीनियर रेजीडेंट को बर्खास्त किया था अब वह आदेश वापस लिया जा रहा है लेकिन हड़ताल वापसी में अभी इंदोर, भोपाल व जबलपुर में जूड़ा के पदाधिकारियों ने कोई घोषणा नहीं की है।
बर्खास्त किया गया आदेश वापस लिए जाएंगे
जिन 46 सीनियर रेजीडेंट को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बर्खास्त किया गया था वह आदेश वापस लिए जाएंगे क्योंकि बर्खास्ती के 24 घंटे बाद ही सीनियर रेजीडेंट ने काम पर लौटना शुरू कर दिया। हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद जिन 71 जूनियर डॉक्टर (सभी थर्ड ईयर स्टूडेंट) को बर्खास्त किया गया था उनके आदेश भी वापस लिए जाएंगे। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले भी जूड़ा के हड़ताल के समय इस तरह बर्खास्त कर बाद में आदेश वापस लिए जाते रहे है।