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नये श्रम कानूनों से फिक्स टर्म, कॉन्ट्रैक्ट और गिग वर्कस को क्या-क्या होंगे लाभ

नई दिल्ली. केन्द्र सरकार ने नये श्रम कानूनों को पेश कर दिया है जिस वजह से कई नियम बदल चुके हैं। कर्मचारियों को ग्रेम्युटी से लेकर बोनस, टाइम पर वेतन जैसे कई लाभ होने वाले हैं। वेतन स्ट्रक्चर को भी बदलने पर जोर दिया गया है। सोशल सिक्योरिटी बेनीफिट्स पर फोकस रखा गया है। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह कैलकुलेशन कर्मचारियों की कमाई की अधिक सटीक तस्वीर पेश करें। नये वेतन स्ट्रक्चर के तहत वेतन में अब बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ता शामिल है। अगर भत्ते कुछ मुआवजे के 50 फीसदी से अधिक है। तो सोशल सिक्योरिटी कंट्रीब्यूशन की गणना के लिये अतिरिक्त राशि को वेतन में वापिस जौड़ दिया जायेगा। इस बदलाव से सोशल सिक्योरिटी, पीएफ, ग्रेच्युटी, पेंशन आदि में कंट्रीब्यूशन बढ़ने का अनुमान है। टेक होम सैलरी कम हो सकती है। खासकर उन कर्मचारियों के लिये जिनकी वेतन संरचना भत्तों पर बहुत अधिक निर्भर करती है। नये सैलरी कानून से कॉन्ट्रक्ट वर्कर्स और फिक्स्ड टर्म वर्कर्स पर क्या असर होगा।
फिक्सड टर्म और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को ग्रेच्युटी
एक बड़ा सुधार ग्रेच्युटी को लेकर हुआ है। नये श्रम संहिताओं के तहत फिक्सड टर्म और कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत कर्मचारी केवल एक साल की निरंतर सेवा पूरी करन के बाद ग्रेच्युटी के लिये पात्र हो जाते हैं। यह ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत 5 वर्ष की अनिवार्यता से एक बड़ा बदलाव है। इसका उद्देश्य लचीली या शॉर्ट टर्म में कार्यरत कर्मचारियों के लिये सेवानिवृत्ति से जुड़े लाभों तक पहले पहुंच को बढ़ाना है।
स्‍थायी कर्मचारियों को मिलेगी 1 साल बाद ग्रेच्‍युटी?
नए नियमों से उठने वाला एक आम सवाल स्थायी कर्मचारियों से जुड़ा है। कानूनी एक्‍सपर्टस का कहना है कि एक साल की कम की गई पात्रता केवल शॉर्ट टर्म वर्कर्स और कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होती है।  स्थायी कर्मचारियों को तब तक लगातार पांच साल की सेवा पूरी करनी होगी जब तक कि मृत्यु या विकलांगता के कारण यह अवधि कम न हो जाए।
मिनिमम सैलरी का लाभ
नए कानून के तहत मिनिमम सैलरी को भी परिभाषित किया गया है। इसका मतलब साफ है कि अगर कोई कर्मचारी नौकरी पर रखा जाता है तो उसे तय मिनिमम बेसिक सैलरी मिलेगी । इससे कर्मचारियों को जॉब गारंटी भी बढ़ जाएगी । नए कानून के तहत कर्मचारियों को टाइम पर सैलरी देने का वादा किया गया है। आईटी समेत संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को टाइम पर सैलरी मिल सकेगी । इससे कर्मचारियों को बढ़ी राहत मिलने की उम्‍मीद है।

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