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NSUI नेता साइबर फ्रॉड में गिरफ्तार, पाकिस्तान से कनेक्शन का है शक, बिहार से गिरफ्तार

मामले में बिहार के ग्रामीणों से पुलिस से शिकायत की थी। - Dainik Bhaskar

भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्र और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष अमनकुमार का नाम एक बड़े सायबर फ्रॉड के मामले में सामने आया है। आरोप है कि अमन ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर लोगों का सरकारी योजनाओं का लालच देकर भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) के 250 से अधिक खाते खुलवाये। जिनका उपयोग लगभग 3 करोड़ रूपये के संदिग्ध लेन7-देन के लिये किया गया।
यह एकाउंट उसने भोपाल में पढाई के बीच खुलवाये थे। इस पूरे नेटवर्क के तार पाकिस्तान तक जुड़े होने की बात सामने आयी है। इसके अलावा, बिहार में इस नेटवर्क को लीड राजपुर पटखौलिया पंचायत के सरपंच मोहनदास का बेटा विशाल कुमार कर रहा था। यह खुलासा बिहार के मोतिहारी में हुई पुलिस की कार्यवाही के बाद हुआ है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 मोबाइल भी जब्त किये हैं।
अमनकुमार मूल रूप से बिहार का निवासी है
अमन एमसीयू में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का थर्ड ईयर का छात्र है। वह बिहार के खाप गोपालपुरा का रहने वाला है। मोतिहारी से 12वीं कक्षा में पढ़ते हुए एक अन्य स्टूडेंट और गिरोह में उसके साथी इरशान से उसकी मुलाकात हुई थी। इरशान ने ही अमन की दोस्ती पाकिस्तान में बैठे अरसद से कराई थी। यही तीनों मिलकर लोगों को लूटने का काम कर रहे थे। एनएसयूआई का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन वह एक्टिव नहीं था। इसलिये उन्हें हटा दिया गया था।
500 रुपए का लालच देकर खुलवाता था अकाउंट
मोतिहारी में आरोपियों से पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि इन तीनों ने 500 रुपए का लालच देकर इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में 250 से ज्यादा खाते खुलवाए। इन खातों का इस्तेमाल 3 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के पैसे के लेन-देन के लिए किया गया। खाताधारकों ने अपने पासबुक मांगे, तो उन्हें बताया गया कि खाते बंद हो गए हैं। उन्होंने सरपंच और उसके बेटे से पैसे आने के बारे में पूछा तो उन्हें टाल दिया गया। बाद में, बैंक ने खातों पर रोक लगाने और पुलिस द्वारा खाताधारकों को नोटिस जारी करने के बाद यह पूरा खेल सामने आया।

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पुलिस टीम पर पथराव और फायरिंग की, नूंह में चोरों ने को पकड़ने गयी पुलिस टीम पर हमला

नूंह. हरियाणा के नूंह जिले के बिछौर थाना इलाके में गांव इन्द्राना में शनिवार को पुलिस चोरों को पकड़ने गयी थी। लेकिन चोरों के समर्थकों ने पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया। इस बीच पुलिस टीम पर पत्थरबाजी की गयी ।बाद में राइफलों से हमला कर दिया। जिससे कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये। वहीं बचाव के लिये पुलिस टीम ने भी फायरिंग की। पुलिस टीम पर पथराव और हमले का एक वीडियो भी सामने आया है।
नूंह पुलिस ने 13 लोगों का लिया हिरासत में
पुलिस के अनुसार आरोपियों व उनके समर्थकों ने पुलिस पर अवैध हथियारों व राइफलों से जमकर फायरिंग की। पहले आरोपियों और उनके समर्थकों ने पुलिस टीम पर पथराव किया और बाद में राइफलों व कट्टों से फायरिंग शुरू कर दी। इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये। पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में पुलिस ने लगभग 7-8 राउंड हवाई फायरिंग करते हुए 13 लोगों को हिरासत में ले लिया है। घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। बिछोर पुलिस ने मामले में 30 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं इस घटना में 13 लोगों की गिरफ्तारी की गयी है जिनमें 3 महिलायें भी शामिल है।
सीआईए तावडू की टीम आरोपी आजाद पुत्र सूबे खां उर्फ सुब्बा, शाहरूख पुत्र याकूब और शाहिद पुत्र खुर्शीद व अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिये गांव इंदाना में छापेमारी करने पहुंची थी। आरोपियों पर पंजाब, आंध्रप्रदेश व अन्य ठिकानों पर मुकदमें दर्ज है। जैसे ही पुलिस ने आजाद के घर पर दविश दी। वैसे ही आरोपी आजाद ने पिस्टल निकाल पुलिस टीम पर सीधे फायरिंग कर दी। गनीमत रही कि गोली सिपाही समीर के हाथ को छूकर निकल गयी। जिससे वह बाल-बाल बच गया।
पुलिस ने फायरिंग के बाद आजाद मौके से भागने लगा। इस बीच उसकी पिस्टल मौके पर गिर गयी। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया। इसके बाद आजाद ने जोर-जोर से शोर मचाकर आसपास के लोगों का उकसाया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में महिलायें और पुरूष वहां एकत्रित हो गये। पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया। इस बीच अरसद पुत्र सूबेदार ने जेसीबी मशीन को रास्ते में खड़ा कर पुलिस का रास्ता रोक दिया। पुलिस ने खालिद पुत्र सौकत ने राइफल से फायरिंग की जबकि वसीम अकरम पुत्र सौकत ने देशी कट्टे से पुलिस टीम पर सीधा फायर किया। भीड़ ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ भीकी है। हालात बेकाबू होते देख पुलिसकर्मियों ने हवाई फायरिंग की।

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जखोदी में सरकारी जमीन घेरने को लेकर खूनी संधर्ष, ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास, पुलिस ने 9 को पहुंचाया हवालात में

ग्वालियर. घाटीगांव जखेदी गांव में 150 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर 2 दिन पूर्व गांव के एक सैकड़ा से अधिक लोग आपस में भिड़ गये। 2 पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई और इतना ही नहीं एक पक्ष के लोगों ने भीड़ पर ट्रैक्टर चढ़ाकर कुचलने का भी प्रयास किया है। घाटीगांव में क्रॉस एफआईआर के बाद शनिवार को पुलिस, प्रशासन और वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची और उपद्रव में शामिल दोनों पक्षों के 67 लोगों को बाउंड ओवर (प्रतिबंधात्मक कार्यवाही) किया है। इसके साथ ही 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
क्या है मामला
घाटीगांव के जखोदी गांव में गुरुवार को रामलखन सिंह पुत्र रघुनाथ सिंह गुर्जर का गांव में ही रहने वाले भूपेन्द्र सिंह गुर्जर से विवाद हुआ था। विवाद बढ़ा तो रामलखन और भूपेन्द्र के पक्ष में लोग एकत्रित हो गए और देखते ही देखते वहां पर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया। दोनों पक्ष से एक-दूसरे पर 100 से ज्यादा लोग लाठियां बरसा रहे थे और पथराव कर रहे थे।
इसी बीच एक तरफ से एक शख्स तेज रफ्तार ट्रैक्टर लेकर आया और दूसरे पक्ष के लोगों के ऊपर चढ़ाने का प्रयास किया। हालांकि ट्रैक्टर के नीचे कोई भी नहीं आया है। गांव में हंगामा हो गया और खबर पुलिस तक पहुंची। गांव के लोगों ने लाठीबाजी, पथराव व ट्रैक्टर से कुचलने के प्रयास का एक वीडियो भी पुलिस को दिया है। पुलिस ने दोनों पक्षों से 9 लोगों पर क्रॉस मामला दर्ज किया था।
इन्हें शनिवार को भेजा जेल
एसडीओपी घाटीगांव शेखर दुबे ने बताया है कि पुलिस ने एक पक्ष से रामलखनसिंह गुर्जर, रनवीर गुर्जर, भारत गुर्जर और तहसीलदार सिंह गुर्जर को हिरासत में लेकर वहीं दूसरे पक्ष से रविन्द्रसिंह गुर्जर, भूपेन्द्रसिंह गुर्जर और मोहर सिंह आदि का हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश कर जेल पहुंचायां है।

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सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक गिरफ्तार, हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही

लेह. लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार की दोपहर में गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके खिलाफ यह एक्शन लेह हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत किया गया था। उन्हें जेल में शिफ्ट किया जाये या कोई अन्य व्यवस्था की जाये। इस पर फैसला लियाजा रहा है। वांगचुक के खिलाफ केन्द्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का भड़काने का आरोप है।
दरअसल. 24 सितम्बर यानी बुधवार को लेह में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 4 लोगों की मौत हो गयी थी। जबकि 90 लोग घायल हुए थे। हिंसक झड़प के बाद लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया था। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराया। अभी तक 50 से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। लेह जिला मजिस्ट्रेट ने 2 दिन के लिये सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाडी केन्द्रों को बन्द करने का आदेश दिया। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये लेह के अलावा कारगिल समेत अन्य शहरों में भी धारा 144 लागू कर दी गयी। उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने हाईलेवल सुरक्षा बैठक की और हिंसा की घटनाओं को षडयंत्र का नतीजा बताते हुए सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये गये थे।

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मिग-21 के खाते में केवल हादसे नहीं रहा बल्कि जीत का लम्बा सिलसिला भी है

MiG-21 bison fighter jet farewell

नई दिल्ली. मिग-21 एक मशहूर फायटर प्लेन है। यह सोवियत संघ में 1950 के दशक में तैयार किया गया था। इसकी पहली उड़ान 1955 में हुई थी। यह दुनिया का पहला सुपरसोनिक जेट फायटर था जो कि ध्वनि की गति से तेज उड़ सकता था। मिग-21 की खासियत थी इसकी तेज रफ्तार -यह मैक 2 की रफ्तार तक पहुंच जाता था। यह हवा में ऊचाई जल्दी चढ़ सकता था और दुश्मन के विमानों को आसानी से पकड़ लेता था। लेकिन मिग-21 की कहानी सिर्फ दुर्घटनाओं की नहीं है। यह शौर्य और जीत की लम्बी दास्तान है। कई युद्धों में इसने दुश्मनों को धूल चटाई है।

MiG-21 bison fighter jet farewell
वियतनाम युद्ध में दिखाया कमाल
वियतनाम युद्ध 1966-1972 में उत्तर वियतनाम की हवाई सेना ने मिग-21 उड़ाये थे। अमेेरिकी विमानों के खिलाफ यह बहुत ही कारगर साबित हुआ। वियतनामी पायलटों ने मिग-21 से 165 दुश्मन विमान गिराये। जिसमें 103 एफ-4 फैटम शामिल थे। लेकिन स्वयं 65 मिग-21 खोये। दिसम्बर 1966 में मिग-21 ने बिना नुकसान के 14 अमेरिकी एफ-105 थंडरचीफ गिराये। 1972 में ऑपरेशन लाइनबैकर द्वितीय के दौरान एक मिग-21 ने बी-52 बॉम्बर को गिराया। यह पहली बार था जब बी-52 का हवा में मार गिराया गया। न्गुयेन वानकोक ने सबसे अधिक 9 जीत हासिकी की। मिग-21 ने अमेरिकी पायलटों के लिये सिरदर्द बना गया।
भारत के एयरफोर्स में मिग-21 का जलवा
भारत ने 1963 में पहला मिग- 21 खरीदा। 1962 में के चीन युद्ध के बाद हवाई सेना को मजबूत करने के लिये यह जरूरी था। 1966-80 तक भारत ने 872 मिग-21 लिये। नासिक में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन्हें बनाना शुरू किया। यह भारत का पहला सुपरसोनिक फायटर था। शुरू में ऊंचाई पर दुश्मन को रोकने के लिये इसका उपयोग किया। बाद में नजदीकी लड़ाई और जमीन पर हमलों में भी उपयोग किया गया।
1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध
1965 के युद्ध में मिग-21 की संख्या कम थी और पायलटों का प्रशिक्षण अधूरा. लेकिन फिर भी, इसने रक्षात्मक उड़ानों में अनुभव दिया. ग्नाट विमानों के बाद मिग-21 ने अपनी श्रेष्ठता दिखाई. यह युद्ध मिग-21 के लिए सीखने का मौका था.
1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध – जीत की ऊंची उड़ान
1971 का युद्ध मिग-21 का सुनहरा दौर था. भारतीय हवाई सेना के मिग-21 ने पश्चिमी मोर्चे पर हवाई श्रेष्ठता हासिल की. उन्होंने 4 पाकिस्तानी एफ-104 स्टारफाइटर, 2 शेनयांग एफ-6, 1 एफ-86 सेबर और 1 सी-130 हर्क्यूलिस गिराए. दो एफ-104 की पुष्टि हुई.
उपमहाद्वीप की पहली सुपरसोनिक हवाई लड़ाई में एक मिग-21एफएल ने जीएसएच-23 तोप से पाकिस्तानी एफ-104 गिराया. मिग-21 ने एफ-104 को हरा दिया, जिसके बाद पाकिस्तान ने सभी एफ-104 बंद कर दिए. इसके अलावा, मिग-21 ने रात के समय कम ऊंचाई पर पाकिस्तान के अंदर गहरे हमले किए.

 

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केन्द्र बोला-लद्दाख हिंसा के लिये सोनम वांगचुक जिम्मेदार, अरब स्प्रिंग, नेपाल जेन-जी प्रदर्शन का जिक्र कर भड़काया

नई दिल्ली. लेह की सड़कों पर आग और आक्रोश….सबसे शांत इलाका कहे जाने वाले लद्दाख के लेह जिले में बुधवार को अचानक हिंसा भड़क उठी प्रदर्शनकारी युवाओं ने पत्थरबाजी की। पुलिस से झड़प की और भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसक विरोध प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत और 70 लोग घायल हो गये। स्थिति के मद्देनजर लद्दाख और कारगिरलमें बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी गयी है।
दरअसल, यह हिंसा उस आन्दोलन को लेकर हुई है। जिसके तहत पर्यावरण कार्यकर्त्ता सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। यह भी कह रहे हैं कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाये। लेकिन जब गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर दावा किया है कि वांगचुक ने अरब स्प्रिंग शैली के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल में जेन-जी विरोध प्रदर्शनों का भड़काऊ उल्लेख करके भीड़ का भड़काया है।
साल 2019 से पूर्ण राज्य के दर्जा की मांग
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में जब केन्द्र सरकार न जम्मू कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाया था। तब जम्मू कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश बन गये थे। इसी के बाद से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग हो रही है। तभी से सोनम वांगचुक लद्दाख को छठी अनूसूची में शामिल करन की मांग र रहे है। लेकिन लद्दाख भारत के लिये काफी संवेदनशील है। यहां 1 हजार 5़7 किमी लम्बी एलएसी चीन से लगती है। ऐसे में लद्दाख में इस तरह का कोई भी विरोध प्रदर्शन और हिंसा भारत के लिये सही नहीं है। ऐसे में अगर इस हिंसा के पीछे कोई साजिश है इन युवाओं को भड़काया या उकसाया गया है तो यह भी बड़ा और गंभीर मामला हो जाता है।
BJP ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इस हिंसा को लेकर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए है। अमित मालवीय ने X पर अपने पोस्ट में इस हिंसा की कुछ तस्वीरें और वीडियो जारी किए और ये आरोप लगाया है कि इन तस्वीरों में ये जो शख्स दिख रहा है, वह लेह वार्ड का कांग्रेस पार्षद है। BJP इन तस्वीरों को दिखाकर ये पूछ रही है कि क्या इसी हिंसा के लिए पिछले दिनों राहुल गांधी ने अपने एक पोस्ट में Gen-Z युवाओं का जिक्र किया है। इन आरोपों पर अब तक कांग्रेस की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। 3 लाख की आबादी वाले लद्दाख में लगभग 23 प्रतिशत युवा यानी 70 हज़ार युवा Gen Z हैं, जिनकी उम्र 13 से 28 साल है और अभी कहा जा रहा है कि इन्हीं Gen Z युवाओं ने ये हिंसक आंदोलन किया है।

 

 

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क्या भाजपा का मैनिफेस्टो है बिहार चुनाव का जीएसटी कट

नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति की तपिश के बीच मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरों में कटौती का फैसला किया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है छठ मईया की पूजा और दीवाली से पहले बिहार ही नहीं बल्कि देश को डब्ल धमाका मिलने जा रहा है। वित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी कट बिहार चुनाव में भाजपा मैनिफेस्टो है? इस पर वित्तमंत्री बोली कि यह बिहार नहीं, देश के 140 करोड़ लोगों का मैनिफिस्टो है। सरकार ने जीएसटी में बदलाव का फैसला बहुत ही सोच समझकर लिया गया है। वित्त मंत्री बोली कि जीएसटी का इतना बड़ा परिवर्तन और हर चीज में दामों में बदलाव करने के लिये इंडस्ट्री और ट्रेडर्स से बात कर रहे हैं कि वह रेट कट को सच मेंजनता तकपहुंचायें। क्योंकि कई सवाल उठ रहे हैं कि कम्पनियां रेट कट को जनता तक नहीं पहुंचाते हैं। कुछ न कुछ बहाने बनाकर पैसा बनाते रहते हैं और लोग को लाभ नहीं मिलता है। उस पर हम काम कर रहे है।
जीएसटी के दो स्लैब खत्म करने का लाभ बिहार में मिलेगा
निर्मला सीतारमण ने बताया है कि जीएसटी में बदलाव बहुत उम्मीद के साथ किया गया है। जो नवरात्रि से ही लोगों को खरीदारी पर दिखने लगेगा। उदाहरण के तौर पर 100 रूपये में पहले जो एक समान मिलता था। उसमें अब डबल समान खरीद सकता है। गुटखा-तम्बाकू के दाम बढ़ने से बिहार जैसे राज्यों को नुकसान होगा। उसकी भरपाई कैसे होगी। इसके जवाब में वित्तमंत्री ने कहा है कि बिहार कंज्यूमर स्टेट है। मैं उम्मीद रख रहीहूं। कि इस नवरात्रि के पहले दिन से ही जनता रेट कटौती के चलते अधिक समान खरीद सकेगी। बिहार जैसे राज्यों को इस कटौती और रीफॉर्म जीएसटी का लाभ मिलेगा। हम मॉनीटरिंग कर रहे है जो दाम किये गये है वह लोगों तक पहुंचे। इसके लिये हम लगातार इंडस्ट्री आदि से बातचीत कर रहे हैं। इस रेट कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचे। लेकिन कम्पनियों ने भी हमें आश्वस्त किया है कि लोगों तक रेट कटौती का पूरा लाभ पहुंचेगा।
कांग्रेस पर वित्तमंत्री का निशाना
वित्तमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा हैकि जो लोग कभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को गब्बर सिंह टैक्स कहकर उसका मजाक उड़ाते थे। वह अब सरकार के जीएसटी 2.0 सुधारों का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह बयान कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहने के बाद आया कि सुधारों कंे लिये अचानक यह कदम राहुल गांधी के प्रस्तावों के बाद उठाया गया है। जिन्होंने यह दावा किया है कि सरकार ने 9 साल तक इन प्रस्तावों का नजरअंदाज किया और उनके चुनाव प्रचार में वोट चोरी का आरोप लगाने के बाद ही कोई कदम उठाया। निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और पिछली सरकार पर भारी कर दर्रे लगाने का आरोप लगाया है जिससे व्यवसाईयों और उपभोक्ताओं दोनों का नुकसान हुआ। वित्तमंत्री ने कहा है कि मोदी सरकार का आम आदमी और उनकी आकांक्षाओं पर ध्यान और विपक्ष का दबाव नहीं, कर सुधारों का संभव बनाने का कारण बना है।

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1 जनवरी 2026 से लागू होगा 8th Pay Commission, केन्द्र सरकार ने दी एक और बड़ी खबर

नई दिल्ली. 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर सरकार की तरफ से एक बड़ा अपडेट आया है। इसके लागू होने से केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्ते और पेंशन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इसे लागू करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिये है। और CPC  के गठन के लिये वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) प्रारंभिक चर्चायें शुरू कर दी है। संसद में मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है।
कब से लागू होगा 8वां वेतन आयोग
फिलहाल तक 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक सिफारिशें तैयार नहीं हुई है। लेकिन इनका क्रियान्वयन पूर्व आयोगों द्वारा निर्धारित पैटर्न के अनुसार ही किये जाने की उम्मीद जताई जा रही है। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग(8th Pay Commission) का गठन फरवरी 2014 में किया गया था। लेकिन इसकी सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। ऐसे में कहा जा रहा है कि इसी टाइमलाइन को दोहराते हुए 8th Pay Commission  की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 की शुरूआत से लागू की जा सकती है।
वित्त राज्यमंत्री ने स्पष्ट की तस्वीर
PTI  की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय की तरफ से प्रमुख विभागों, मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ 8th Pay Commission के संबंध में परामर्श शुरू किये गये है। इनमें रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रश्क्षिण मंत्रालय सहित विभिन्न राज्य सरकारें शामिल है। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने इसे लेकर पिक्चर साफ करते हुए कहा है कि सभी से इनपुट मांगे गये हैं। आयोग का औपचारिक नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इसके अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति कर दी जायेगी। हालांकि उन्होंनें साफ किया कि अभी तक किसी भी नाम की घोषणा नहीं की गयी है। पंकज चौधरी ने नये वेतन आयोग के लागू होने के सवाल पर आगे कहा है कि 8th Pay Commission  द्वारा सिफारिशें किये जाने और सरकार द्वारा इन्हें स्वीकार किये जाने के बाद ही इनका कार्यान्वयन किया जायेगा।
60 लाख कर्मचारी, 65 लाख पेंशनर्स को होगा लाभ
8th Pay Commission  लागू किये जाने से देशभर के लगभग 50 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों और करीब 65 लाख से अधिक पेंशनर्स को फायदा होगा। हालांकि जब तक नया वेतन आयोग अपनी सिफारिशें प्रस्तुत नहीं कर देता और सरकार की तरफ से इन्हें अप्रूवल नहीं दिया जाता है तब तक कर्मचारियों की सैलरी या फिर पेंशन स्ट्रक्चर में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि हर वर्ष में 2 बार होने वाले महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी का फायदा मिलता रहेगा।
60%  तक पहुंच सकता महंगाई भत्ता
7th Pay Commission  लागू किये जाने वाले वर्ष 2016 में महंगाई भत्ता 0% था। लेकिन फिर यह बढ़ता हुआ जनवरी 2025 तक यह 55% पर पहुंच गया था। अब अनुमान के अनुसार जुलाई में अगर संभावित 3% DA  मिलता है तो भी यह आंकड़ा 58% तक पहुंच सकता है। वहीं जनवरी 2026 में अगली समीक्षा के बाद इसे 2% के लाभ के साथ 60%  पर पहुंचने का अनुमान है।

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जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया त्यागपत्र, स्वास्थ्य वजहों का दिया हवाला

नई दिल्ली. भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को संबोधित एक पत्र में स्वास्थ्य संबंधी वजहों और चिकित्सा सलाह का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत अपने इस्तीफ की घोषणा की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को संबोधित अपने पत्र में जगदीप धनखड़ ने लिखा स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए। मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिये धन्यवाद दिया और साथ ही प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद को भी उनके सहयोग और मार्गदर्शन के लिये आभार व्यक्त किया।
जगदीप धनखड़ ने 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 6 अगस्त, 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था. जगदीप धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले थे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे. जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई, 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव के स्कूल से ही पूरी की। इसके बाद स्कॉलरशिप हासिल करके चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल में पढ़ने चले गए. धनखड़ का नेशनल डिफेंस एकेडमी में चयन हो गया था, लेकिन वह नहीं गए।

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बदल रही भारत की युद्धनीति, भारत दुश्मनों पर प्रहार के लिये फ्यूचर वेपंस पर कर रहा है काम

Future weapons and war strategy of India

नई दिल्ली. मई 2025 में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से दुनिया को अपनी सैन्य ताकत और तकनीकी दमखम दिखा दिया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जबाव में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया था। इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियारों, जैसे ब्रह्मोस मिसाइल, आकश डिफेंस सिस्टम और ड्रोन्स सिस्टम और ड्रोन्स ने कमाल कर दिखाया। यह तो बस शुरूआत थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अपनी युद्ध योजनाओं को और मजबूत करने के लिये नये और शक्तिशाली हथियारों पर काम शुरू कर दिया है। भारत के यह नये हथियार क्या है। इनसे हमारी सेना कितनी ताकतवर हो रही है।
सबसे पहले, थोड़ा सा ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जान लें। अप्रेल 2025 में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 22 लोगों की हत्या कर दी। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था।
भारतीय वायुसेना ने रॉफेल जेट्स ब्रह्मोस मिसाइलों और आत्मघाती ड्रोन्स का उपयोग करे पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह करन दिया। 100 से अधिक आतंकी मारे गये। 11 पाकिस्तानी एयरबेस और रडार सिस्टम नष्ट हुए। सबसे खास बात, भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस ऑपरेशन ने न सिर्फ भारत की सैन्य ताकत दिखाई । बल्कि यह भी साफ कर दिया कि अब भारत आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है। पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों को देखते हुए भारत अब अपनी सेना को और अजेय बनाने के लिये नये हथियारों पर काम कर रहा है।
भारत के नये हथियार, क्या क्या है
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अपनी सैन्य ताकत को कई गुना बढ़ाने का फैसला किया। डीआरडीओ भारतीय नौसेना और निजी कंपनियां मिलकर ऐसे हथियार बना रही है। जो भविष्य के युद्धों में गेम-चेंजर साबित होंगे।
प्राइम मिसाइलें-दुश्मनों के लिये खतरा बनेगी
लांग रेंज एंटी-शिप मिसाइल- डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने मिलकर एक ऐसी मिसाइल बनाई है। जिसे कैरियर किलर कहते हैं। यह मिसाइल समुद्र में 1 हजार किमी से अधिक दूरी पर दुश्मन के युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट कैरियर्स को नष्ट कर सकती है। इसे जाम करना नामुमकिन है।
ब्रह्मोस- यह हाइपरसोनिक मिसाइल है। इसकी रेंज 15 किमी है। यानी दिल्ली से इस्लामाबाद या दक्षिण चीन सागर तक के ठिकाने सेकेण्डों में नष्ट हो सकते हे। यह रडार से बच निकलती है। जिससे दुश्मन की डिफेेंस सिस्टम बेकार हो जाती है।

Future weapons and war strategy of India

रुद्रम-2 और रुद्रम-3: ये एंटी-रेडिएशन मिसाइलें हैं, जो दुश्मन के रडार, एयर डिफेंस सिस्टम और कम्युनिकेशन सेंटर्स को तबाह करती हैं. इन्हें Su-30MKI और AMCA जैसे फाइटर जेट्स से दागा जा सकता है।
आकाश और QRSAM: आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो 25 किलोमीटर तक दुश्मन के ड्रोन और विमानों को मार गिराती है. QRSAM (क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल) 30 किलोमीटर तक के खतरों को खत्म करती है. ऑपरेशन सिंदूर में इनका जलवा देखने को मिला।
2. युद्धपोत: समुद्र में भारत का दबदबा
नई पनडुब्बियां और युद्धपोत: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय नौसेना अपनी ताकत बढ़ा रही है. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) को 1.06 लाख करोड़ रुपये का ठेका मिला है, जिसके तहत 3 नई स्कॉर्पीन पनडुब्बियां बनेंगी. ये 60% स्वदेशी तकनीक से बनेंगी और 6-8 साल में तैयार होंगी ।
INS विक्रांत और विशाखापट्टनम: भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत और युद्धपोत INS विशाखापट्टनम ड्रोन्स और मिसाइलों से लैस हैं. ये अरब सागर और हिंद महासागर में भारत की ताकत बढ़ा रहे है।
4000-5000 करोड़ का निवेश: MDL मुंबई में 10 एकड़ जमीन पर दो नए बेसिन बना रहा है। जहां बड़े युद्धपोत और पनडुब्बियां बनेंगी. इससे 2047 तक स्वदेशी नौसेना का सपना पूरा होगा ।

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3. रडार: दुश्मन की हर हरकत पर नजर
• स्वदेशी AESA ‘उत्तम’ रडार: ये रडार AMCA स्टेल्थ फाइटर जेट्स में लगेगा. ये दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को दूर से पकड़ लेता है. हालांकि, अभी इसकी प्रोडक्शन क्षमता 24 यूनिट्स प्रति साल है, लेकिन HAL और BEL इसे बढ़ाने पर काम कर रहे है।
• D4S एंटी-ड्रोन सिस्टम: ये सिस्टम ड्रोन्स को इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और लेजर से मार गिराता है. ऑपरेशन सिंदूर में इसने पाकिस्तान के 307 ड्रोन्स को पकड़ा और नष्ट किया है।
• AEW&C रडार: ये हवा में निगरानी रखने वाला रडार है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की सुपरसोनिक CM-400AKG मिसाइल को ट्रैक और नष्ट किया है।

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4. किलर ड्रोन्स: युद्ध का भविष्य
स्विफ्ट-के कामिकेज ड्रोन: बेंगलुरु की DRDO-ADE लैब में बन रहा ये ड्रोन 735 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ता है. स्टील्थ तकनीक की वजह से रडार इसे पकड़ नहीं पाते. ये दुश्मन के हवाई डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर सकता है।
MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन: भारत ने अमेरिका से 31 हंटर-किलर ड्रोन्स खरीदे हैं, जिनकी कीमत 32,000 करोड़ रुपये है. ये ड्रोन लद्दाख, अरुणाचल और हिंद महासागर में निगरानी और हमले के लिए तैनात होंगे ।
TAPAS-BH और वारहॉक: TAPAS-BH स्वदेशी निगरानी ड्रोन है, जो हिंद महासागर में तैनात है. वारहॉक AI-पावर्ड किलर ड्रोन है, जिसका लक्ष्य 2027 तक तैयार होना है।
लॉइटरिंग म्यूनिशन्स: ये आत्मघाती ड्रोन है। जो दुश्मन के ठिकानों पर मंडराते हैं. सटीक हमला करते हैं. ऑपरेशन सिंदूर में स्काईस्ट्राइकर ड्रोन्स ने कमाल दिखाया है।
5. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): स्मार्ट युद्ध
• AI-पावर्ड टैंक और ड्रोन: भारत AI से लैस टैंक और ड्रोन्स बना रहा है. वारहॉक ड्रोन में सेंसर-फ्यूजन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा, जो इसे और घातक बनाएगा ।
• रियल-टाइम निगरानी: AI की मदद से ड्रोन्स और सैटेलाइट्स रियल-टाइम में दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखते है। ऑपरेशन सिंदूर में ISRO की सैटेलाइट्स ने अहम रोल निभाया है।
• CLAWs लेजर डिफेंस: ये लेजर हथियार ड्रोन्स, माइक्रो मिसाइलों और मोर्टार को हवा में ही नष्ट कर देता है।
कैसे काम करते हैं ये हथियार?
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मिसाइलें: ब्रह्मोस-2 और रुद्रम मिसाइलें इतनी तेज हैं कि दुश्मन को रिएक्ट करने का मौका ही नहीं मिलता. ये रडार से बचती हैं. सटीक निशाना लगाती हैं. जैसे, ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने आतंकी ठिकानों को पलभर में तबाह कर दिया है।
युद्धपोत: INS विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत ड्रोन्स और फाइटर जेट्स को समुद्र में ले जा सकते हैं. ये दुश्मन की नौसेना को दूर से ही खत्म कर सकते है।
रडार: ‘उत्तम’ और AEW&C रडार दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को सैकड़ों किलोमीटर दूर से पकड़ लेते हैं. ऑपरेशन सिंदूर में S-400 और D4S ने पाकिस्तान के ड्रोन्स और मिसाइलों को नाकाम कर दिया है।
ड्रोन्स: स्विफ्ट-के और MQ-9B जैसे ड्रोन्स निगरानी और हमले दोनों कर सकते हैं. ये इतने स्मार्ट हैं कि AI की मदद से खुद फैसले ले सकते है।
AI: ये तकनीक सेना को रियल-टाइम जानकारी देती है, जैसे दुश्मन कहां है, उसका हथियार क्या है. इससे हमारी सेना तेज और सटीक हमले कर सकती है।
क्यों जरूरी हैं ये नए हथियार?
ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत अब आतंकवाद और दुश्मनों के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है। लेकिन पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की चुनौतियां कम नहीं हैं. चीन की सुपरसोनिक मिसाइलें और पाकिस्तान के ड्रोन्स भारत के लिए खतरा है।
सुरक्षा: ब्रह्मोस-2 और S-400 जैसे हथियार दुश्मन की किसी भी हरकत को पलटवार करने के लिए तैयार हैं.
आत्मनिर्भरता: भारत अब विदेशी हथियारों पर कम निर्भर है. स्विफ्ट-के, TAPAS-BH और आकाश जैसे हथियार ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा है।
वैश्विक ताकत: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के हथियारों की डिमांड बढ़ी है. कतर, लेबनान और जापान जैसे देश भारत से मिसाइलें, रडार और बुलेटप्रूफ जैकेट्स खरीद रहे है।
भविष्य के युद्ध: ड्रोन्स, AI और लेजर हथियार भविष्य के युद्धों में गेम-चेंजर होंगे. भारत इनका इस्तेमाल करके दुनिया की टॉप सेनाओं में शामिल हो रहा है।
आगे क्या?
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को एक नया आत्मविश्वास दिया है. अब सरकार और डीआरडीओ मिलकर रक्षा बजट को GDP का 2.5% करने की योजना बना रहे हैं. साथ ही…
• 87 MALE ड्रोन्स: भारत 20,000 करोड़ रुपये में 87 स्वदेशी ड्रोन्स खरीदेगा, जो पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर निगरानी करेंगे ।
• AMCA स्टील्थ फाइटर: पांचवीं पीढ़ी का ये फाइटर जेट 2030 तक तैयार होगा ।
• प्रोजेक्ट कुशा: ये स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की तरह 350 KM तक के खतरों को रोकेगा ।
• रक्षा निर्यात: भारत का लक्ष्य 2024-25 तक 36,500 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात है। ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें दुनिया में छा रही हैं।
तो, क्या भारत अब सुपरपावर है?
ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को बता दिया कि भारत अब सिर्फ जवाब देने वाला देश नहीं, बल्कि पहले से तैयार रहने वाला देश है. ब्रह्मोस, स्विफ्ट-के, S-400 और AI जैसे हथियार भारत को न सिर्फ सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि वैश्विक सैन्य शक्ति के रूप में भी स्थापित करेंगे । अगली बार जब कोई दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाएगा, तो उसे पता होगा कि भारत की सेना और उसके हथियार किसी भी चुनौती को पलटने के लिए तैयार है।. तो, तैयार हो जाइए एक ऐसे भारत के लिए, जो न सिर्फ अपनी रक्षा करेगा, बल्कि दुनिया को अपनी ताकत का अहसास भी कराएगा ।