उम्र कैद की सजा भुगत रहे 17 कैदी जेल से आजाद
ग्वालियर. सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे 17 कैदियों को डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती पर आजाद किया गया। जेल की चारदीवारी से बाहर निकल कर खुले आसमान के नीचे अपने बच्चों और नाती -पोतों से गले मिलते समय वह भावुक हो उठे। इस दौरान सभी ने कहा है कि जीवन में ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये। जिससे जेल जाना पड़े। यहां आकर जीवन के कीमती वर्ष पीछे छूट जाते हैं। बाहरी दुनिया और जेल की दुनिया में बहुत अन्तर होता है। अभी तक गणतंत्र दिवस पर स्वतंत्रता दिवस पर ही कैदियों की सजा माफ कर रिहाई की परंपरा थी। लेकिन पिछले 2 वर्षो से अम्बेडकर और गांधी जयंती पर भी बंदियों की रिहाई की जा रही है।
इन कैदियों को किया गया आजाद
साबिर पुत्र सत्तार, नरेंद्र पुत्र लखन सिंह यादव, रामकिशन पुत्र मगन यादव, कन्हैया पुत्र ज्वाला प्रसाद, महेश पुत्र ज्वाला प्रसाद, कुतरिया पुत्र सुखुआ जाटव, गोपाल पुत्र रामसिंह पाल, खेमचंद पुत्र तख्त सिंह, कल्लू पुत्र रतनू सिंह जाटव, बिहारी पुत्र छुटई कुशवाह, हरिओम पुत्र बिहारी कुशवाह, बिजेंद्र सिंह पुत्र प्रहलाद सिंह सिकरवार, केपी पुत्र मुलायम परिहार, मनोज पुत्र मुलायम सिंह परिहार। ये सभी हत्या जैसे गंभीर अपराध में दोषी पाए गए थे और 14 वर्ष से अधिक समय से जेल में सजा काट रहे थे।